सिवाना (बाड़मेर). जिले में अपहरण के बाद युवक की हत्या करने के मामले को लेकर आक्रोशित परिजन और समाज के लोग शव के साथ धरने पर बैठे हुए हैं. पुलिस और प्रशासन की ओर से समझाइश का दौर जारी है, लेकिन मांगें पूरी नहीं होने तक शव नहीं उठाने की बात पर परिजन अड़े हुए हैं.
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सिवाना क्षेत्र के कुशीप गांव निवासी महेंद्र खान को घर से गाड़ी सहित जालोर ले जाकर अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. जिसका शव रविवार को जोधपुर के कायलाना में आने वाली हाथी नहर में फेंक दिया गया. कुछ युवकों की निशानदेही पर आहोर थाना पुलिस जोधपुर पहुंची और सूरसागर थाना पुलिस की मदद से शव को बाहर निकाला गया. सोमवार को युवक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया.
वहीं, मामले को लेकर सोमवार को मृतक का शव लेकर परिजन और समाज के लोग धरने पर बैठ गए. परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने अपनी कई मांगें रखी. वहीं, मांगें पूरा नहीं होने तक शव नहीं उठाने की चेतावनी दी है.
ये हैं मांगें...
- सिवाना थानाधिकारी को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए.
- घटना की निष्पक्ष जांच की जाए.
- अपराध में शामिल शेष रहे अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए.
- मृतक के परिवार को 25 लाख की आर्थिक मदद
- मृतक के परिजनों को आवास
यह था मामला
बताया जा रहा है कि साढ़े सात लाख रुपये के लेन-देन को लेकर उपजे विवाद में कुछ युवकों ने जालोर के आहोर थानान्तर्गत बादनवाड़ी से कार चालक महेंद्र खान का अपहरण किया. इसके बाद हत्या कर शव जोधपुर के कायलाना में आने वाली हाथी नहर में फेंक दिया था. मृतक के भाई रमजान खान ने 25 मार्च को आहोर थाने में बादनवाड़ी निवासी आनंदसिंह राजपुरोहित, उसके भाई उत्तम सिंह, जोधपुर ग्रामीण के केलावा गांव निवासी अजयपाल सिंह उर्फ एपी, मोकलसर निवासी सेजल जैन और नागाणा थानान्तर्गत बांदड़ा निवासी सुरेन्द्र पुत्र अमराराम भील के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
इसमें बताया गया था कि महेन्द्र खान 21 मार्च को गुजरात नंबर की कार में घर से जालोर गया था. गोदन गांव से उसने भाई रमजान को फोन कर एक घंटे में लौटने की जानकारी दी थी, लेकिन वो नहीं आया. लेकिन उसकी कार सेजल और सुरेन्द्र भील ले जा रहे थे. इस पर दोनों का पीछा किया तो वे कार छोड़कर भागने लगे. दोनों को पकड़ कर पुलिस को दिया गया. बताया जा रहा है कि महेन्द्र खान और आरोपी आनंद सिंह और कई अन्य के बीच 7.50 लाख रुपये का विवाद चल रहा था.