बालोतरा (बाड़मेर). उच्च न्यायालय की फटकार के बाद बाड़मेर जिला प्रशासन की नींद खुली और मंगलवार को बालोतरा में लूनी नदी में हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. यहां तकरीबन 100 जगहों पर अतिक्रमण किए हुए हैं. ऐसे में चरणबद्ध तरीके से इनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी. पहले चरण में 20 अतिक्रमण हटाए गए. प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया.
बालोतरा मरु गंगा लूनी नदी में हो रहे अतिक्रमण को लेकर स्थानीय एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने उच्च न्यायालय में अपील दर्ज की, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इस पूरे मामले को लेकर संज्ञान लिया और बाड़मेर प्रशासन को फटकार लगाते हुए लूनी नदी में किए गए अतिक्रमण को हटाकर डे टुडे रिपोर्ट मांगी है. लूनी नदी में तकरीबन 100 पक्के अतिक्रमण हैं. इसलिए चरणबद्ध तरीके से इसको हटाया जाएगा. मंगलवार को माननीय प्रशासन की ओर से इस अतिक्रमण हटाने के अभियान की शुरूआत की गई.
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बालोतरा उपखंड अधिकारी रोहित कुमार, पुलिस उपाधीक्षक सुभाष चंद्र खोजा की मौजूदगी में नगर परिषद की टीमें जेसीबी के साथ अतिक्रमण स्थल पर पहुंची और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया. प्रशासन की ओर से की गई इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा.
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उपखंड अधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों की पालना में मंगलवार से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. कार्रवाई के लिए प्रशासन ने कुल 99 अतिक्रमियों को चिन्हित किया है. प्रथम चरण में चिन्हित 20 अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. एसडीएम के अनुसार शेष अतिक्रमियों ने न्यायालय में अपील जारी की है. अपील को ध्यान में रखते हुए सुनवाई के बाद आगामी निर्देश के आधार पर कार्यवाई को अंजाम दिया जाएगा.
गौरतलब है कि लूनी नदी में अतिक्रमण को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट सुमेर गौड़ ने राजस्थान न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने बाड़मेर प्रशासन को फटकार लगाते हुए लूनी नदी में हुए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे. ऐसे में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई.