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बाड़मेर : साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम बनना चाहता है आईएएस

आमतौर पर राजस्थान के बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग में बच्चे इतनी पढ़ाई नहीं करते हैं, जिसके चलते यहां के लोग शिक्षा में बहुत कमजोर नजर आते हैं. लेकिन अनिमूल इस्लाम ने बाड़मेर से साइंस में 98% से टॉप किया है.

साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम
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Published : May 17, 2019, 2:44 AM IST

बाड़मेर. साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम आईएएस बनना चाहता है. बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग का अनिमूल इस्लाम 12वीं साइंस में करीब 98% हासिल करके जिले में टॉप रहा. सुबह से ही अनिमूल और उसका परिवार रिजल्ट आने का इंतजार में था.

साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम बनना चाहता है आईएएस

उसके परिवार को रिजल्ट आने के बाद परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. इस्लाम के अनुसार जब उसने देखा कि उसके 98% बने हैं तो पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ और उसका शरीर कंपन करने लग गया. लेकिन जब उसने दोबारा देखा तो उसे यकीन हुआ कि उसके 98% बने हैं. उसके बाद उसके पिताजी ने उसे गले लगा लिया.

इस्लाम बताता है कि वह हमेशा दिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करता था. परीक्षा के समय वह ज्यादा पढ़ाई नहीं करता था. क्योंकि वह उससे पहले ही सारी तैयारी कर लेता है. अब उसका सपना है कि दिल्ली जाकर साइंस में ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी की तैयारी कर के आईएएस बने.

आमतौर पर देखा जाता है कि राजस्थान के बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग में बच्चे इतनी पढ़ाई नहीं करते हैं, जिसके चलते यहां के लोग शिक्षा में बहुत कमजोर नजर आते हैं. इस्लाम का कहना है कि वह अपने समाज के लोगों से यह कहना चाहता कि अपने बच्चे और बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाओ. उसी से समाज का भला होना है. अनिमूल के रिजल्ट आने के बाद उसके घर पर लगातार लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं और हर कोई इस बात से अचंभित है कि अनिमूल जिले भर में टॉप कर गया.

इस्लाम के पिता बताते हैं कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छा रहा है और उसका सपना है की आईएएस बने. इसके लिए पूरा परिवार उसको सपोर्ट कर रहा है. इस्लाम को मोबाइल चलाने का कोई खास शौक नहीं है. अनिमूल बताता है कि 11वीं में पढ़ाई के लिए मोबाइल जरूर यूज करते थे लेकिन 12वीं में मोबाइल टच तक नहीं किया. रेगुलर 8 घंटे तक पढ़ाई करते थे. लिखकर याद करना और हमेशा नमाज के बाद पढ़ाई, रेस्ट और फिर पढ़ाई उनकी दिनचर्या रही है.

अनिमूल ने बताया कि उसके पिता का सपना है कि वह आईएस बने. वह दिल्ली जाकर आईएएस की पढ़ाई में लग जाएगा.

बाड़मेर. साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम आईएएस बनना चाहता है. बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग का अनिमूल इस्लाम 12वीं साइंस में करीब 98% हासिल करके जिले में टॉप रहा. सुबह से ही अनिमूल और उसका परिवार रिजल्ट आने का इंतजार में था.

साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम बनना चाहता है आईएएस

उसके परिवार को रिजल्ट आने के बाद परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. इस्लाम के अनुसार जब उसने देखा कि उसके 98% बने हैं तो पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ और उसका शरीर कंपन करने लग गया. लेकिन जब उसने दोबारा देखा तो उसे यकीन हुआ कि उसके 98% बने हैं. उसके बाद उसके पिताजी ने उसे गले लगा लिया.

इस्लाम बताता है कि वह हमेशा दिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करता था. परीक्षा के समय वह ज्यादा पढ़ाई नहीं करता था. क्योंकि वह उससे पहले ही सारी तैयारी कर लेता है. अब उसका सपना है कि दिल्ली जाकर साइंस में ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी की तैयारी कर के आईएएस बने.

आमतौर पर देखा जाता है कि राजस्थान के बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग में बच्चे इतनी पढ़ाई नहीं करते हैं, जिसके चलते यहां के लोग शिक्षा में बहुत कमजोर नजर आते हैं. इस्लाम का कहना है कि वह अपने समाज के लोगों से यह कहना चाहता कि अपने बच्चे और बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाओ. उसी से समाज का भला होना है. अनिमूल के रिजल्ट आने के बाद उसके घर पर लगातार लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं और हर कोई इस बात से अचंभित है कि अनिमूल जिले भर में टॉप कर गया.

इस्लाम के पिता बताते हैं कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छा रहा है और उसका सपना है की आईएएस बने. इसके लिए पूरा परिवार उसको सपोर्ट कर रहा है. इस्लाम को मोबाइल चलाने का कोई खास शौक नहीं है. अनिमूल बताता है कि 11वीं में पढ़ाई के लिए मोबाइल जरूर यूज करते थे लेकिन 12वीं में मोबाइल टच तक नहीं किया. रेगुलर 8 घंटे तक पढ़ाई करते थे. लिखकर याद करना और हमेशा नमाज के बाद पढ़ाई, रेस्ट और फिर पढ़ाई उनकी दिनचर्या रही है.

अनिमूल ने बताया कि उसके पिता का सपना है कि वह आईएस बने. वह दिल्ली जाकर आईएएस की पढ़ाई में लग जाएगा.

Intro:बाड़मेर बाड़मेर साइंस का टॉपर अनिमूल इस्लाम बनना चाहता है आईएएस बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग अनिमूल इस्लाम ने 12वीं साइंस में करीब 98% हासिल करके जिले में टॉप राय सुबह से ही हनीमून और उसका परिवार रिजल्ट आने का इंतजार था और उसके परिवार को रिजल्ट आने के बाद परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था इस्लाम के अनुसार जब उसने देखा कि उसके 98% बने हैं तो पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ और उसका शरीर पूरा का पूरा कंपन करने लग गया लेकिन जब उसने दोबारा देखा तो उसे यकीन हुआ कि उसके 98% बने हैं उसके बाद उसके पिताजी ने उसे गले लगा दिया इस्लाम बताता है कि वह हमेशा दिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करता था परीक्षा के समय वह ज्यादा पढ़ाई नहीं करता था क्योंकि वह उससे पहले ही सारी तैयारी कर लेता है अब उसका सपना है कि दिल्ली जाकर साइंस में ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी की तैयारी कर के आईएएस बनना


Body:आमतौर पर देखा जाता है कि राजस्थान के बाड़मेर में अल्पसंख्यक वर्ग में बच्चे इतनी पढ़ाई नहीं करते हैं जिसके चलते यहां के लोग शिक्षा में बहुत कमजोर नजर आते हैं इस्लाम का कहना है कि वह अपने समाज के लोगों से यह कहना चाहता कि अपने बच्चे और बेटियों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाओ उसी से समाज का भला होना है हनीमून के रिजल्ट आने के बाद उसके घर पर लगातार लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं और हर कोई इस बात से अचंभित है कि अनिमल जिले भर में टॉप कर गया


Conclusion:इस्लाम के पिता बताते हैं कि वह हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छा रहा है और उसका सपना राय की आईएएस बने इसके लिए हम लोग पूरा परिवार उसको सपोर्ट कर रहे हैं इस्लाम को मोबाइल चलाने का कोई खास शौक नहीं है अनिमूल बताता है कि 11वीं में पढ़ाई के लिए मोबाइल न्यूज़ जरूर करते थे लेकिन 12वीं में मोबाइल टच तक नहीं किया रेगुलर 8 घंटे तक पढ़ाई करते थे लिखकर याद करना और हमेशा नमाज के बाद पढ़ाई रेस्ट और फिर पढ़ाई उनकी दिनचर्या रही है अनिमूल ने बताया कि उसके पिता का सपना है कि मैं आईएस बनो वह जाकर दिल्ली जाकर आईएएस की पढ़ाई में लग जाएगा अनिमूल के अनुसार पढ़ाई का वातावरण है उसके पिता सपोर्ट करते हैं
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