बाड़मेर. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शनिवार को पूरे देश में सरकार से लेकर प्रशासन, एनजीओ सभी लोग बालिकाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही बालिकाओं को अपना अभिमान बता रहे हैं. वहीं, सबसे इस मौके पर सुखद खबर राजस्थान के बाड़मेर जिला मुख्यालय से आई है. जहां पर एक महिला ने 3 बच्चियों को जन्म दिया और परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. गौरतलब है कि ये वहीं इलाका है जहां पर किसी जमाने में बेटियां अभिशाप मानी जाती थीं. रविवार को जहां पूरा देश बालिका दिवस मना रहा था. वहीं, बाड़मेर जिले के निजी अस्पताल में सायरा देवी ने तीन बेटियों को जन्म दिया और उसके बाद परिवार में खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
परिवार की ओर से दादी ने बताया कि इससे पहले एक लड़का और लड़की है और आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर तीन बेटियां हुई हैं. हमें इस बात की बेहद खुशी है. वहीं, बच्चियों के ताऊ ने बताया कि आज के समय में कोई भेदभाव नहीं होता. लड़कों से ज्यादा लड़कियां अपने परिवार का नाम रोशन करती हैं. लिहाजा पहले किसी जमाने में यहां पर लड़के और लड़की में भेदभाव समझा जाता था.
डॉ. राहुल बामणिया ने बताया कि सायरा देवी के 4 महीने होने के बाद से ही लगातार उसका इलाज अस्पताल में चल रहा था. आज सुबह भर्ती करवाया गया था और उसके बाद ऑपरेशन से तीन बेटियों का जन्म हुआ है, सभी स्वस्थ हैं और सबसे खास बात तो ये है कि परिवार लड़कियां होने के बावजूद भी खुश हैं. ये वहीं इलाका है जहां इन दिनों लगातार अपने परिवार का नाम बेटियां रोशन कर रही हैं चाहे वो रूमा देवी हो या गीता माली हो जिसे राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा गया है.
वहीं, शिक्षा जागरूकता के चलते अब यहां पर भी बेटे और बेटी में कोई भेदभाव नहीं रहता है, बल्कि बेटियों के जन्म पर बेटों के जन्म से ज्यादा खुशियां मनाई जाती है. ऐसा ही एक नजारा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जब इस परिवार की तीन बेटियों का जन्म हुआ तो इस परिवार में खुशी का कोई ठिकाना नहीं है.