बाड़मेर. दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी अपने साथ कोरोना भी लेकर आ गए हैं. पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में पिछले 48 घंटों में 1 दर्जन से ज्यादा गांवों में कोविड-19 के कई मरीज सामने आ चुके हैं. इन इलाकों में हजारों की तादात में प्रवासी घर वापसी कर रहे हैं.
सबसे ज्यादा खतरा उन प्रवासियों से है जो कि सड़क मार्ग और जंगलों के रास्ते पैदल ही चोरी-छिपे आए हैं. ऐसे लोगों की ना तो इनकी स्क्रीनिंग हो पाती है और ना ही इन्हें और होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है, जिसकी वजह से अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का विस्फोट होने लगा है.
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जालोर, सिरोही सहित कई अन्य जिले कोविड-19 के कहर से कुछ दिन पहले बचे हुए थे, लेकिन इन जिलों में पिछले 10 दिनों में हजारों की तादाद में प्रवासी अपने घर वापसी कर चुके हैं. बात अगर बाड़मेर की की जाए तो अब तक तीस हजार से ज्यादा प्रवासी बाड़मेर जिले में घर वापसी कर चुके हैं, जबकि 25 हजार की कर वापसी हो ना अभी तक बाकी है.
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बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा के अनुसार जिले में मुंबई के धारवी से पांच कोरोना पॉजिटिव अलग-अलग गांव में बाड़मेर में मिले हैं, जिसके बाद हमनें अपनी प्लानिंग को पूरा बदल दिया है. मीणा ने बताया कि जिले में अब तक 30 हजार प्रवासी अपने घर वापसी कर चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा गुजरात और महाराष्ट्र राज्य से हैं.
लेकिन, प्रवासियों की वापसी के साथ ही कोविड-19 का खतरा गांव-गांव फैलता नजर आ रहा है. अब तक बाड़मेर जिले में 8 पॉजिटिव केस मिले हैं. आठों पॉजिटिव केस गांव में मिले हैं और यह सभी प्रवासी व्यक्ति हैं. बाड़मेर जिले के गांव कितनोरिया, डोली, भोजासर, नोखड़ा, ढीढस, मजल, गुड़ानाल इन गांव में अभी तक पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं.
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लगातार गांव से कोविड-19 के मरीज मिलने के बाद बाड़मेर के जिला कलेक्टर ने प्रत्येक गांव के लिए लोगों की कमेटी गठन की है, जो प्रवासी के आने की जानकारी के साथ ही प्रवासी के आइसोलेशन के दौरान उस पर नजर रखेगी. साथ ही यह कमेटी कोविड-19 को लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ पूरा सहयोग करेगी और हर जानकारी अपने गांव की देगी ताकि किसी भी तरीके से कोविड-19 को गांव में फैलने से रोका जा सके.