शाहबाद (बारां). जिले के शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में घना जंगल होने के कारण इलाके में कई प्रजातियों के जंगली जानवर पाए जाते हैं. लेकिन इनकी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सार संभाल नहीं करने के कारण यह जंगली जानवर आए दिन अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं. सघन वन क्षेत्र से नेशनल हाईवे 27 कोटा-शिवपुरी मार्ग होकर गुजरता है. इस हाईवे पर गाड़ियों की चपेट में आने से जंगली जानवर दुर्घटना के शिकार होकर अकाल मौत मर रहे हैं.
बीते दिनों मुड़ियर टोल प्लाजा के आगे अज्ञात वाहन की टक्कर से एक भालू की मौत हो गई थी. इससे पहले भी एक पैंथर और भालू की शाहबाद घाटी में और राजपुर रोड पर जरख की भी अज्ञात वाहनों की टक्कर से मौत हो गई थी. राजपुर मुड़ियर मार्ग पर अज्ञात वाहन की टक्कर से एक कवर बिज्जू की मौत हो गई. इसके बावजूद अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया.
नेशनल हाईवे 27 और शाहाबाद ग्रामीण अंचल के सड़क मार्गों पर जंगली जानवर वाहनों की चपेट में आने से मर रहे हैं. लेकिन हाईवे अधिकारी और वन विभाग की टीम भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इसके चलते शाहबाद क्षेत्र के जंगलों में जंगली जानवरों की तादाद में भी कमी आती जा रही है. अगर हाईवे अधिकारी और वन विभाग के आला अधिकारी नेशनल हाईवे 27 पर घाटी क्षेत्र में सघन वन क्षेत्र में तार फेंसिंग करा दें तो नेशनल हाईवे 27 पर जंगली जानवर नहीं पहुंच पाएंगे और वह अकाल मौत के शिकार भी नहीं होंगे.
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वन्य जीव प्रेमी सुनील कुमार चंद्रमारप्रकाश गिर्राज ने बताया कि अगर हाईवे अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी सघन वन क्षेत्र के हाईवे पर तार फेंसिंग करा देते हैं. जिससे कई जानवर अकाल मौत के शिकार होने से बच सकते हैं. अभी शाहबाद के जंगलों में पैंथर, भालू शेर, लोमड़ी, जरख, खरगोश, हिरण, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर सहित कई प्रजातियों के जानवर हैं. लेकिन इस हाईवे के निकलने से इन जंगली जानवरों की लगातार मौत हो रही है.
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वन प्रेमियों ने नेशनल हाईवे 27 पर तार फेंसिंग लगवाने की संबंधित अधिकारियों से मांग की है. इस संबंध में रेंजर मोहम्मद हफीज से जानकारी लेने के लिए संपर्क किया, तो फोन व्यस्त बता रहा था इसलिए संपर्क नहीं हो सका.
क्यों होते हैं जंगली जानवर दुर्घटना के शिकार
शाहाबाद क्षेत्र को सघन वन क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. लेकिन धीरे-धीरे भूमाफिया और लकड़ी तस्कर जंगलों का तेजी से विनाश कर रहे हैं. इसके चलते सघन वन क्षेत्र की तादाद में कमी आती जा रही है और जंगली जानवर शाहबाद घाटी क्षेत्र में ही अपनी शरण स्थली बनाए हुए हैं. ऐसे में यह जंगली जानवर नेशनल हाईवे 27 पर पहुंच जाते हैं और वाहनों की चपेट में आने से अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं. अगर जंगलों का नुकसान करने वाले लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए तो जंगलों का विनाश होने से बच सकता है.