अंता (बारां). वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण विद्युत आपूर्ति की मांग का सबसे ज्यादा असर विद्युत परियोजनाओं पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण कारखाने बंद हैं, जिसके कारण बिजली की मांग और अधिक घट गई है.
बता दें कि बीते 2 महीने में राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) की अंता गैस विद्युत परियोजना में केवल 2 दिन ही विद्युत का उत्पादन हुआ है. वहीं, मशीनरी को सुचारू रखने सहित आवासीय कॉलोनियों में बिजली की आपूर्ति के लिए ग्रिड से बिजली खरीदनी पड़ रही है.
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419 मेगावाट की अंता परियोजना में 1986 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ था. यहां प्राकृतिक गैस से बिजली बनाई जाती है. वर्ष 2012 के बाद धीरे-धीरे अन्य विकल्पों से सस्ती बिजली मिलने के कारण विभिन्न राज्यों की निर्भरता गैस प्लांटों पर कम होती चली गई. वहीं, अब आपातकालीन जरूरत होने पर ही प्लांट संचालित किया जाता है.
एनटीपीसी मुख्य महाप्रबंधक सुनील जुमडे ने बताया, प्राकृतिक गैस की कमी से अंता परियोजना पूरी क्षमता का प्रयोग नहीं कर पा रही है. यहां सोलर प्लांट लगने के बाद उसे सपोर्ट करने के लिए गैस प्लांट की भी जरूरत होगी, तब इसका उचित उपयोग होने लगेगा. एनटीपीसी अंता में द्वितीय चरण के लिए 217.26 हेक्टेयर भूमि पर 90 मेगावाट का सोलर प्लांट प्रस्तावित है, जिसकी निविदा प्रक्रिया जारी की जा रही है.