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400 साल पुराना ऐतिहासिक किला देखरेख के अभाव में खडंहर में तब्दील, सौन्दर्यीकरण को लेकर उठी मांग

अंता का अति प्राचीन किला अव्यवस्था के चलते खंडर में तब्दील होता नजर आ रहा है. देख-रेख के अभाव में जहां किले की सौन्दर्य कम होती जा रही है. यदि प्रशासन किले की ओर ध्यान देता है तो इससे न सिर्फ किले का सौन्दर्य बढे़गा, बल्कि किले में आने वालों की संख्या में भी इजाफा होगा.

Historical fort of anta, अंता का ऐतिहासिक किला
अव्यवस्था की भेंट चढ़ा अंता का ऐतिहासिक किला
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Published : Dec 3, 2019, 1:00 PM IST

अंता (बारां). जिले के अंता में स्तिथ प्राचीन कालीन किला देख-रेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है. इस किले के मुख्य दरवाजे के पास स्तिथ दोनों बुर्जो पर पालिका की ओर से सौन्दर्यकरण कर दिया जाए तो इससे न सिर्फ कस्बे का सौंदर्यकरण बढ़ेगा. साथ ही कस्बे के लोगों को फुर्सत के क्षणों में इस स्थान पर सुकून से बैठने का भी मौका मिलेगा.

अव्यवस्था की भेंट चढ़ा अंता का ऐतिहासिक किला

बता दें कि इस किले के दोनों बुर्जों पर फिलहाल पेड़-पौधे उगे हुए होने के कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है. पालिका द्वारा इन बुर्जों के चारों ओर रेलिंग लगाकर लाइटिंग की व्यवस्था करा दी जाए तो इससे विरासत कालीन धरोहर भी सुरक्षित रह सकेगी. साथ ही कस्बे के लोगों को एक पार्क की कमी भी दूर हो जाएगी.

पढ़ें- ध्यान दें! प्रदेश के कई जिलों में कोहरे ने दी दस्तक, हल्की-फुल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठंडक

इन बुर्जों के सौन्दर्यकरण को लेकर कस्बे के लोगों द्वारा कई बार पालिका प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है. परन्तु पालिका प्रशासन द्वारा अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे इस स्थान का उपयोग नहीं हो पा रहा है. यह किला लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है, जिसमें वर्तमान में तहसील कार्यालय, सरकारी कॉलेज सहित 2 स्कूल संचालित हो रहे हैं. वहीं किले के अंदर गोवर्धन नाथ का मंदिर होने के कारण भक्त गणों की रोजाना आवाजाही बनी रहती है. कस्बे के बीचों बीच स्थित होने के कारण यह आकर्षक का केंद्र भी है. परन्तु देख-रेख के अभाव में धीरे-धीरे यह जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. ऐसे में पालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

अंता (बारां). जिले के अंता में स्तिथ प्राचीन कालीन किला देख-रेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है. इस किले के मुख्य दरवाजे के पास स्तिथ दोनों बुर्जो पर पालिका की ओर से सौन्दर्यकरण कर दिया जाए तो इससे न सिर्फ कस्बे का सौंदर्यकरण बढ़ेगा. साथ ही कस्बे के लोगों को फुर्सत के क्षणों में इस स्थान पर सुकून से बैठने का भी मौका मिलेगा.

अव्यवस्था की भेंट चढ़ा अंता का ऐतिहासिक किला

बता दें कि इस किले के दोनों बुर्जों पर फिलहाल पेड़-पौधे उगे हुए होने के कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है. पालिका द्वारा इन बुर्जों के चारों ओर रेलिंग लगाकर लाइटिंग की व्यवस्था करा दी जाए तो इससे विरासत कालीन धरोहर भी सुरक्षित रह सकेगी. साथ ही कस्बे के लोगों को एक पार्क की कमी भी दूर हो जाएगी.

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इन बुर्जों के सौन्दर्यकरण को लेकर कस्बे के लोगों द्वारा कई बार पालिका प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है. परन्तु पालिका प्रशासन द्वारा अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे इस स्थान का उपयोग नहीं हो पा रहा है. यह किला लगभग 400 साल पुराना बताया जाता है, जिसमें वर्तमान में तहसील कार्यालय, सरकारी कॉलेज सहित 2 स्कूल संचालित हो रहे हैं. वहीं किले के अंदर गोवर्धन नाथ का मंदिर होने के कारण भक्त गणों की रोजाना आवाजाही बनी रहती है. कस्बे के बीचों बीच स्थित होने के कारण यह आकर्षक का केंद्र भी है. परन्तु देख-रेख के अभाव में धीरे-धीरे यह जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है. ऐसे में पालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

Intro:बारां जिले के अंता में स्तिथ प्राचीनकालीन किला देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है । इस किले के मुख्य दरवाजे के पास स्तिथ दोनों बुर्जो पर पालिका द्वारा सौन्दर्यकरण कर दिया जाए तो इससे न सिर्फ कस्बे का सौंदर्यकरण बढ़ेगा साथ ही कस्बे के लोगो को फुर्सत के क्षणों में इस स्थान पर सकून से बैठने का भी मौका मिलेगा ।Body:
अंता (बारां) बता दे कि इस किले के दोनों बुर्जो पर फिलहाल पेड़ पौधे उगे हुए होने के कारण इनका उपयोग नही हो पा रहा है । पालिका द्वारा इन बुर्जो के चारो ओर रैलिंग लगाकर लाइटिंग की व्यवस्था करा दी जाए तो इससे विरासत कालीन धरोहर भी सुरक्षित रह सकेगी साथ ही कस्बे के लोगो को एक पार्क की कमी भी दूर हो जाएगी ।
इन बुर्जो के सौन्दर्यकरण को लेकर कस्बे के लोगो द्वारा कई बार पालिका प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है । परन्तु पालिका प्रशासन द्वारा अभी तक इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है जिससे इस स्थान का उपयोग नही हो पा रहा है ।
यह किला लगभग 400 वर्षो पुराना बताया जाता है जिसमे वर्तमान में तहसील कार्यालय ,सरकारी कॉलेज सहित 2 स्कूल संचालित है वही किले के अंदर गोवर्धन नाथ का मंदिर होने के कारण भक्त गणों की रोजाना आवाजाही बनी रहती है । उक्त किला कस्बे के बीचों बीच स्तिथ होने के कारण यह आकर्षक का केंद्र भी है । परन्तु देख रेख के अभाव में धीरे धीरे यह जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है ऐसे में पालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

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