छबड़ा (बारां). आगजनी व हिंसा के बाद पिछले 10 दिनों से छबड़ा में कर्फ्यू जारी था. मंगलवार को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील दी. कल भी प्रशासन ने 5 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी थी. जैसे ही कर्फ्यू में ढील मिली लोग खरीददारी के लिए बाजारों में उमड़ पड़े. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और जन अनुशासन पखवाड़ा के नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आई. लोग बिना मास्क लगाये बाजारों में घूम रहे थे.
परचूनी की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ दिखाई दी. एहतियातन पुलिस की टीमें भी बाजार में गश्त लगाती नजर आई. वहीं कुछ स्थानों पर ढील के दौरान आगजनी व हिंसा की शिकार हुई दुकानों के मालिक अपनी दुकानों में बचे खुचे व आग में नष्ट हुई चीजों को तलाश करते नजर आए. वहीं कोविड-19 की गाइडलाइन को लेकर कोटा कमिश्नर कैलाश चंद मीणा ने छबड़ा पहुंच बॉर्डर इलाकों की चेक पोस्टों का निरीक्षण किया.
पीड़ित व्यापारियों से मिलने पहुंचे मदन दिलावर को पुलिस ने रोका
19 अप्रैल को मदन दिलावर के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधिमंडल छबड़ा उपद्रव के पीड़ितों से मिलने पहुंचा था. स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन ने भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश की तो पुलिस के साथ उनकी बहस हो गयी. विरोध में दिलावर के नेतृत्व में भाजपा नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इसी दौरान हुई झड़प में मदन दिलावर का कुर्ता भी फट गया था. मदन दिलावर ने पुलिस और प्रदेश सरकार को उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराया था.