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बांसवाड़ा में बाल अधिकारों को लेकर कार्यशाला आयोजित, विशेषज्ञों ने बताई चाइल्ड एक्ट की बारीकियां

बाल अधिकारों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन की ओर से शुक्रवार को वागधरा परिसर में कार्यशाला रखी गई. इसमें बालकों संबंधी विभिन्न विषयों पर मंथन के साथ विशेषज्ञों ने चाइल्ड एक्ट के बारे में बारीकियां बताई गई.

Sanstha Save The Children in Banswara, संस्था सेव द चिल्ड्रन
बाल अधिकारों को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला
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Published : Dec 27, 2019, 6:02 PM IST

बांसवाड़ा. बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिला अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसे देखते हुए बाल अधिकारों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन की ओर से शुक्रवार को वागधरा परिसर में कार्यशाला रखी गई. इसमें बालकों संबंधी विभिन्न विषयों पर मंथन के साथ विशेषज्ञों ने चाइल्ड एक्ट के बारे में बारीकियां बताई गई.

बाल अधिकारों को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कार्यशाला की शुरुआत की. कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों से चाइल्ड एक्ट और बाल अधिकारों संबंधी कामकाज देखने वाले बाल कल्याण अधिकारियों को बुलाया गया. बाल अधिकारों संबंधी विशेषज्ञों के साथ बाल कल्याण अधिकारियों की ओर से विशेषकर बाल तस्करी बाल श्रम और बाल अधिकारों पर मंथन किया गया.

इस दौरान चाइल्ड एक्ट को लेकर पुलिस अधिकारियों के सामने किस-किस प्रकार की कठिनाईयां आती है. किस प्रकार इन कठिनाइयों को आसानी से सॉल्व किया जा सकता है. विशेषज्ञों ने बारीकी से समस्याओं को सुना और फिर उनका समाधान निकाला गया.

विशेषकर फील्ड में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की गई. पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों की ओर से अपनी समस्याओं को रखने के साथ चाइल्ड एक्ट को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान किया. कार्यशाला में पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बुलाया गया था.

पढ़ें- लेकसिटी में बदला मौसम का मिजाज, धुंध-कोहरे से हुई परेशानी

सेव द चिल्ड्रन संस्था के उपनिदेशक संजय शर्मा के अनुसार बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिला अति संवेदनशील माना गया है. उसी के दृष्टिगत हमने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को ट्रेंड करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला रखी. विशेषज्ञ की ओर से चाइल्ड एक्ट को लेकर फील्ड में आने वाली परेशानियों को सुना गया और इसके समाधान के विकल्पों की जानकारी दी.

इस मौके पर वागधरा संस्था के सचिव जयेश जोशी, सब इंस्पेक्टर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सहित पुलिस अधिकारी मौजूद थे. कार्यशाला का समापन शनिवार को होगा.

बांसवाड़ा. बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिला अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसे देखते हुए बाल अधिकारों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन की ओर से शुक्रवार को वागधरा परिसर में कार्यशाला रखी गई. इसमें बालकों संबंधी विभिन्न विषयों पर मंथन के साथ विशेषज्ञों ने चाइल्ड एक्ट के बारे में बारीकियां बताई गई.

बाल अधिकारों को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला

जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कार्यशाला की शुरुआत की. कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों से चाइल्ड एक्ट और बाल अधिकारों संबंधी कामकाज देखने वाले बाल कल्याण अधिकारियों को बुलाया गया. बाल अधिकारों संबंधी विशेषज्ञों के साथ बाल कल्याण अधिकारियों की ओर से विशेषकर बाल तस्करी बाल श्रम और बाल अधिकारों पर मंथन किया गया.

इस दौरान चाइल्ड एक्ट को लेकर पुलिस अधिकारियों के सामने किस-किस प्रकार की कठिनाईयां आती है. किस प्रकार इन कठिनाइयों को आसानी से सॉल्व किया जा सकता है. विशेषज्ञों ने बारीकी से समस्याओं को सुना और फिर उनका समाधान निकाला गया.

विशेषकर फील्ड में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की गई. पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों की ओर से अपनी समस्याओं को रखने के साथ चाइल्ड एक्ट को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान किया. कार्यशाला में पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बुलाया गया था.

पढ़ें- लेकसिटी में बदला मौसम का मिजाज, धुंध-कोहरे से हुई परेशानी

सेव द चिल्ड्रन संस्था के उपनिदेशक संजय शर्मा के अनुसार बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिला अति संवेदनशील माना गया है. उसी के दृष्टिगत हमने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को ट्रेंड करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला रखी. विशेषज्ञ की ओर से चाइल्ड एक्ट को लेकर फील्ड में आने वाली परेशानियों को सुना गया और इसके समाधान के विकल्पों की जानकारी दी.

इस मौके पर वागधरा संस्था के सचिव जयेश जोशी, सब इंस्पेक्टर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सहित पुलिस अधिकारी मौजूद थे. कार्यशाला का समापन शनिवार को होगा.

Intro:बांसवाड़ा। बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिले को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इसे देखते हुए बाल अधिकारों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेव द चिल्ड्रन द्वारा आज यहां वागधरा परिसर में कार्यशाला रखी गई। इसमें बालको संबंधी विभिन्न विषयों पर मंथन के साथ विशेषज्ञ द्वारा चाइल्ड एक्ट के बारे में बारीकियां बताई गई।


Body:जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कार्यशाला की शुरुआत की। कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों से चाइल्ड एक्ट और बाल अधिकारों संबंधी कामकाज देखने वाले बाल कल्याण अधिकारियों को बुलाया गया। बाल अधिकारों संबंधी विशेषज्ञों के साथ बाल कल्याण अधिकारियों द्वारा विशेषकर बाल तस्करी बाल श्रम तथा बाल अधिकारों पर मंथन किया गया। इस दौरान चाइल्ड एक्ट को लेकर पुलिस अधिकारियों के सामने किस किस प्रकार की कठिनाई आती है। किस प्रकार इन कठिनाइयों को आसानी से सॉल्व किया जा सकता है। विशेषज्ञों द्वारा बारीकी से समस्याओं को सुना गया और उनका समाधान निकाला गया।


Conclusion:विशेषकर फील्ड में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई। पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों द्वारा अपनी समस्याओं तो रखने के साथ चाइल्ड एक्ट को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में पुलिस बाल कल्याण अधिकारियों के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बुलाया गया था। सेव द चिल्ड्रन संस्था के उपनिदेशक संजय शर्मा के अनुसार बाल अधिकारों को लेकर बांसवाड़ा जिला अति संवेदनशील माना गया है। उसी के दृष्टिगत हमने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को ट्रेंड करने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला रखी। विशेषज्ञ द्वारा चाइल्ड एक्ट को लेकर फील्ड में आने वाली परेशानियों को सुना गया और इसके समाधान के विकल्पों की जानकारी दी। इस मौके पर वागधरा संस्था के सचिव जयेश जोशी, सब इंस्पेक्टर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सहित पुलिस अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला का समापन शनिवार को होगा।

बाइट....... संजय शर्मा उपनिदेशक सेव द चिल्ड्रन
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