बांसवाड़ा. विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में श्रमिकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. निजीकरण को रोकने सहित 7 सूत्रीय मांगों के समर्थन में अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ से संबद्ध कर्मचारियों ने शुक्रवार दोपहर में निगम कार्यालय परिसर में नारेबाजी की और प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की नीति के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई. संगठन ने आंदोलन को प्रदेश स्तर पर ले जाने की चेतावनी भी दी है.
शुक्रवार दोपहर में श्रमिक संघ के पदाधिकारी और कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और यहां अपने संगठन द्वारा निजीकरण के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के तहत प्रदर्शन का खाका खींचा. डिस्कॉम अध्यक्ष जुगल किशोर जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश भावसार, जिला अध्यक्ष दिनेश पारीक, जिला महामंत्री देवी लाल तेली के नेतृत्व में कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर पहुंचे और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की.
कर्मचारियों का आरोप था कि सरकार एमबीसी अर्थात मीटर रीडिंग कलेक्शन फ्रेंचाइजी के हाथ में देने जा रही है, जबकि पहले से ही कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं. यह कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात होगा. जिसे संगठन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.
इसके साथ ही वर्ष 1996 से 2019 के मध्य अनुकंपा पर नियुक्त सहायक प्रथम को समान योग्यता के आधार पर लिपिक बनाने, मंत्रालय कर्मचारियों के वर्ष 2012 से पूर्व योग्यता अनुसार नियमित पदोन्नति, तकनीकी कर्मचारियों की पदोन्नति में पारदर्शिता बरतने, प्रदेश स्तर पर सूचना सहायकों की पदोन्नति में हुई अनियमितताओं की जांच और भविष्य में होने वाली वेतन विसंगति को दूर करने सहित 7 सूत्री मांग पत्र अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक को सौंपा गया.
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डिस्कॉम अध्यक्ष जोशी ने बताया कि हमारा यह आंदोलन क्रमबद्ध चल रहा है. इसके बाद भी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही, तो संभाग और प्रदेश स्तर पर आंदोलन को ले जाया जाएगा.