बांसवाड़ा. जिले में संवेदनहीनता का एक ऐसा मामला सामने आया है कि जिसमें अपने होते हुए सब पराए हो गए. हुआ यह कि वाका गांव में एक महिला की करंट लगने से मृत्यु हो गई. मृतक महिला का दाह संस्कार करने के लिए उसका पति तो है पर उसके मायके वाले और ससुराल वालों ने साथ छोड़ दिया है. ऐसे में पत्नी का दाह संस्कार करने के लिए वागड़ बने वृंदावन की टीम का पति ने सहयोग लिया है.
महात्मा गांधी अस्पताल में गुरुवार सुबह वाका निवासी संजू पत्नी नाथू को लाया गया. डॉक्टर ने जांच कर बताया कि महिला की कई घंटे पहले मृत्यु हो चुकी है. इसके बाद करीब 30 वर्षीय संजू की डेड बॉडी अस्पताल की मोर्चरी में रख दी गई. इसके बाद कल से लेकर आज दोपहर बाद तक कोई भी परिजन नहीं पहुंचा. शुक्रवार शाम सदर थाने से कांस्टेबल राजेंद्र और मृतका का पति नाथू पहुंचे. पंचनामा पर साइन करने के लिए भी घरवाले नहीं पहुंचे. ऐसे में यहां पर भी सामाजिक कार्यकर्ता वागड़ बने वृंदावन की टीम के सदस्य अनुराग सिंघवी व अन्य ने हस्ताक्षर किए. तब जाकर पोस्टमार्टम कराया गया और डेड बॉडी पति नाथू को सुपुर्द कर दी गई है. डेड बॉडी को टीम के साथ कागदी मोक्षधाम ले जाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार होगा.
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सीढ़ियों से लगा करंटः वाका गांव की महिला और उसका पति बोर वट गांव में रहते हैं. घर की सार संभाल करने के लिए वे अपने गांव गए थे. इसी दौरान बुधवार रात में पति ने शराब का सेवन किया और पत्नी से झगड़ा करके घर से चला गया. गुरुवार सुबह जब वह अपने घर लौटा, तो देखा कि उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी. प्राथमिक जानकारी के मुताबिक महिला को लोहे की सीढ़ियों से करंट लगा था.