बांसवाड़ा. ग्राम विकास अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने का मामला चोपासाग ग्राम पंचायत का है. यहां साल 2018 में ग्राम पंचायत द्वारा 10 लाख रुपए की लागत से सीसी सड़क का निर्माण करवाया था. इस राशि में से ठेकेदार कुमजी का पारडा गांव निवासी लक्ष्मण सिंह का दो लाख बकाया चल रहा था. इस राशि के संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी से संपर्क किया तो बजट नहीं होना बताया गया.
बता दें कि वर्तमान में पंचायत की कमान सरपंच पति हरीलाल मकवाना के पास है. जबकि इससे पहले हरीलाल खुद सरपंच चुना गया था. हरीलाल के कार्यकाल में कराए गए इस निर्माण कार्य की बकाया राशि के लिए परिवादी ग्राम विकास अधिकारी अशोक भट्ट से मिला तो उससे 55,000 की रिश्वत मांगी गई. 25 जुलाई को एसीबी ने सत्यापन के दौरान 15,000 की रिश्वत वसूल कर ली.
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27 जुलाई को हरीलाल से परिवादी ने संपर्क किया तो उसने अपने हिस्से की राशि ग्राम विकास अधिकारी को दिए जाने की बात कही. उसी क्रम में परिवादी सोमवार को ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचा, जहां ग्राम विकास अधिकारी अशोक भट्ट ने 15,000 की रिश्वत राशि खुद लेने की बजाए रिकॉर्ड रूम की अलमारी में रखवा दी. एसीबी बांसवाड़ा के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधो सिंह सोढा के नेतृत्व में राजकुमार सिंह, रतन सिंह, गणेश लाल लबाना, जितेंद्र सिंह और माजिद खान ने परिवादी का इशारा पाते ही वहां छापा मारा और रिश्वत की राशि बरामद करते हुए ग्राम विकास अधिकारी अशोक भट्ट को गिरफ्तार कर लिया.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोढा के अनुसार कार्रवाई से पहले सरपंच पति हरीलाल भी मौके पर ही था. लेकिन किसी का फोन आने से रिश्वत की राशि ग्राम विकास अधिकारी को देने की बात कहकर वहां से निकल गया. आरोपी ग्राम विकास अधिकारी से पूछताछ की जा रही है. वहीं फरार सरपंच पति हरीलाल मकवाना की भी तलाश की जा रही है.