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बांसवाड़ा में परंपरागत खेलों का आयोजन, किसी ने मटकी तो किसी ने सुई रेस में दिखाई प्रतिभा

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Published : Mar 8, 2020, 11:31 PM IST

बांसवाड़ा के जिला खेल स्टेडियम में जिला खेल विभाग और मां उमा निराश्रित संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संघर्ष कर परिवार और समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाली महिलाओं के सम्मान समारोह और परंपरागत खेल प्रतियोगिताएं के आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में बालिकाओं सहित महिलाओं ने अपनी भागीदारी निभाई.

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खेलों का आयोजन

बांसवाड़ा. जब से घरों में टेलीविजन और हाथों में एंड्राइड मोबाइल आए हैं, हमारे परंपरागत खेल दूर होते गए. हालत यह है कि कई खेल ऐसे हैं, जिनका बच्चों ने नाम तक नहीं सुना. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जब बांसवाड़ा में परंपरागत खेलों का आयोजन हुआ तो बच्चों से लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया. बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा दिखाई. किसी ने मटकी दौड़ तो किसी ने रुमाल झपट्टा प्रतियोगिता में शामिल होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

परंपरागत खेलों का आयोजन

जिला खेल स्टेडियम में जिला खेल विभाग और मां उमा निराश्रित संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संघर्ष कर परिवार और समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाली महिलाओं के सम्मान समारोह के साथ ही परंपरागत खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में बालिकाओं सहित महिलाओं ने अपनी भागीदारी निभाई.

पढ़ेंः 6 फुट 2 इंच की मालती चौहान ने महिलाओं के लिए रखी खेल की नींव

खेल स्टेडियम में जब परंपरागत खेल प्रतियोगिताएं प्रारंभ हुईं तो अधिकांश बच्चों को नियम-कायदों तक का पता नहीं था, लेकिन जब इनमें भाग लिया तो उनका खूब मनोरंजन हुआ और इन खेलों के प्रति उनकी रुचि भी उत्पन्न हुई. यहां मटकी दौड़, सुई दौड़, सतोलिया, रुमाल झटका, नींबू रेस, धरती पानी आदि एक के बाद एक कर बाकायदा रेफरी की देखरेख में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई.

अधिकांश बालिकाओं के लिए इनमें पहली बार भाग लेना हुआ, ऐसे में इन खेलों के प्रति अधिक उत्साह देखा गया. प्रतिभागी के अनुसार कई खेलों के बारे में पहली बार नाम सुना लेकिन काफी मनोरंजक थे. इस प्रकार के खेल शरीर के लिए भी काफी अच्छे हैं लेकिन धीरे धीरे कर हम भूल गए. वहीं इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया तो काफी अच्छा लगा.

36 महिलाओं का सम्मान

इससे पूर्व जिला खेल स्टेडियम में जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित महिला सम्मान समारोह में शहर और ग्रामीण क्षेत्र की 36 महिलाओं को शॉल ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. कई महिलाओं ने जीवन में काफी संघर्ष के बाद जब सम्मान पाया तो उनकी आंखें छल छला उठी,. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र सिंह भाटी, राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य शैलेंद्र भट्ट और जिला खेल अधिकारी धनेश्वर मईडा ने महिलाओं को सम्मानित किया.

पढ़ेंः कोरोना वायरस: जयपुर रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों को बांटे गए मास्क और सैनिटाइजर

इस मौके पर अतिथियों ने फिर प्रतिभाओं में दमखम दिखाने वाली बालिकाओं को भी सम्मानित किया. कार्यक्रम के आयोजक नरोत्तम पंड्या ने बताया कि महिला दिवस पर हमने यह कार्यक्रम का आयोजन किया और दिन भर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन चला जिसमें बड़ी संख्या में शहर के साथ ग्रामीण महिलाओं ने भी हिस्सेदारी निभाई.

बांसवाड़ा. जब से घरों में टेलीविजन और हाथों में एंड्राइड मोबाइल आए हैं, हमारे परंपरागत खेल दूर होते गए. हालत यह है कि कई खेल ऐसे हैं, जिनका बच्चों ने नाम तक नहीं सुना. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जब बांसवाड़ा में परंपरागत खेलों का आयोजन हुआ तो बच्चों से लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया. बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा दिखाई. किसी ने मटकी दौड़ तो किसी ने रुमाल झपट्टा प्रतियोगिता में शामिल होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.

परंपरागत खेलों का आयोजन

जिला खेल स्टेडियम में जिला खेल विभाग और मां उमा निराश्रित संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संघर्ष कर परिवार और समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाली महिलाओं के सम्मान समारोह के साथ ही परंपरागत खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में बालिकाओं सहित महिलाओं ने अपनी भागीदारी निभाई.

पढ़ेंः 6 फुट 2 इंच की मालती चौहान ने महिलाओं के लिए रखी खेल की नींव

खेल स्टेडियम में जब परंपरागत खेल प्रतियोगिताएं प्रारंभ हुईं तो अधिकांश बच्चों को नियम-कायदों तक का पता नहीं था, लेकिन जब इनमें भाग लिया तो उनका खूब मनोरंजन हुआ और इन खेलों के प्रति उनकी रुचि भी उत्पन्न हुई. यहां मटकी दौड़, सुई दौड़, सतोलिया, रुमाल झटका, नींबू रेस, धरती पानी आदि एक के बाद एक कर बाकायदा रेफरी की देखरेख में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई.

अधिकांश बालिकाओं के लिए इनमें पहली बार भाग लेना हुआ, ऐसे में इन खेलों के प्रति अधिक उत्साह देखा गया. प्रतिभागी के अनुसार कई खेलों के बारे में पहली बार नाम सुना लेकिन काफी मनोरंजक थे. इस प्रकार के खेल शरीर के लिए भी काफी अच्छे हैं लेकिन धीरे धीरे कर हम भूल गए. वहीं इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया तो काफी अच्छा लगा.

36 महिलाओं का सम्मान

इससे पूर्व जिला खेल स्टेडियम में जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित महिला सम्मान समारोह में शहर और ग्रामीण क्षेत्र की 36 महिलाओं को शॉल ओढ़ाकर और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. कई महिलाओं ने जीवन में काफी संघर्ष के बाद जब सम्मान पाया तो उनकी आंखें छल छला उठी,. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र सिंह भाटी, राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य शैलेंद्र भट्ट और जिला खेल अधिकारी धनेश्वर मईडा ने महिलाओं को सम्मानित किया.

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इस मौके पर अतिथियों ने फिर प्रतिभाओं में दमखम दिखाने वाली बालिकाओं को भी सम्मानित किया. कार्यक्रम के आयोजक नरोत्तम पंड्या ने बताया कि महिला दिवस पर हमने यह कार्यक्रम का आयोजन किया और दिन भर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन चला जिसमें बड़ी संख्या में शहर के साथ ग्रामीण महिलाओं ने भी हिस्सेदारी निभाई.

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