घाटोल (बासवाड़ा) . मीणा समाज संस्थान पंचायत समिति की ओर से रविवार को आठ ग्राम पंचायतों के प्रधानमंत्री आवास योजना की कार्यशाला का आयोजन हुआ. ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि कार्यशाला में भोजन व्यवस्था के लिए समिति ने अपने निजी स्वार्थ के लिए आनन-फानन में नियमों को दरकिनार रखते हुए टेंडर जारी किये थे. जिसके चलते भोजन का टेंडर नहीं हो सका और अधिकारियों के चक्कर में प्रशिक्षनार्थियों को भूखा रहना पड़ा.
कार्यशाला में करीब 6 से 800 लाभार्थियों ने भाग लिया. कार्यशाला का समय सुबह ग्यारह बजे से शाम पांच बजे तक रखा गया था. पूरे दिन की कार्यशाला में प्रशिक्षनार्थियों के लिए चाय अल्पाहार ओर भोजन की व्यवस्था थी. लेकिन पंचायत समिति के अधिकारियों ने अपना पेट भरने के चक्कर में लाभार्थियों को पूरा दिन नाश्ता कराकर संतुष्ट रखा.
दरअसल, घाटोल पंचायत समिति की ओर से कार्यशाला से एक दिन पूर्व दिनांक तेईस अगस्त शुक्रवार को कार्यशाला, प्रशिक्षण में चाय, नाश्ता व अल्पाहार के लिए आनन-फानन ने अखबार में एक निविदा प्रकाशित किया गया था.
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दरअसल घाटोल पंचायत समिति ने 23 अगस्त को समाचार पत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंचायत समिति हेतु मनरेगा और पंचायती राज विभाग की योजनाओ के लिए मोहरबंद निविदाएं आमंत्रित की गई थी. यह निविदा शनिवार को आयोजित होने वाली कार्यशाला को लेकर पंचायत समिति ने आनन फानन में अवकाश के दिन 22 अगस्त को जारी होकर 23अगस्त को अखबार में प्रकाशित हुई.
निविदा प्राप्त करने की दिनांक व समय भी 23 अगस्त शाम 5 से 5.30 बजे दिया गया. ऐसे में यह दस लाख की निविदा घाटोल पंचायत समिति की मिलीभगत और चहेती फर्म के टेंडर करवाने की पोल खोल रही है.अखबार में निविदा प्रकाशित होने के बाद निविदा प्राप्त करने की दिनांक और समय पर घाटोल व आसपास क्षेत्र से कुछ ठेकेदार टेंडर में हिस्सा लेने पहुँचे. लेकिन शाम 6 बजे तक पंचायत समिति में दो टेंडर की कॉपी ली गई थी. जिसके बाद पंचायत समिति के कार्मिक बिना टेंडर खोले चले पंचायत समिति में ताला लगाकर चले गए थे. मामला मीडिया तक पहुंचने के बाद पंचायत समिति ने टेण्डर को निरस्त कर दिया. टेण्डर निरस्त होने के कारण शनिवार को घाटोल पंचायत समिति द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना की कार्यशाला में भोजन नहीं बन पाए. पंचायत समिति के अधिकारीयों ने अपना पेट भरने के फेर में प्रशिणार्थियों को भूखा रखा.