बांसवाड़ा. शहर में सूर्य ग्रहण का असर 10:52 तक रहा. सूर्य ग्रहण का सूतक बुधवार रात्रि 8:10 से लग गया था, ऐसे में पट रात्रि में ही बंद कर दिए गए. गुरुवार को 10 बजकर 52 मिनट तक सूर्य ग्रहण का असर रहा. इसके बाद ही मंदिरों में सूर्योदय के बाद होने वाली तमाम प्रक्रिया शुरू हुई. सूर्यग्रहण के दौरान कई मंदिरों में भजन-कीर्तन चलते रहे.
बताया जा रहा है, कि इस तरह का खंडग्रास सूर्यग्रहण करीब 300 साल बाद लगा है. सुबह से ही चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिली, जिससे सूर्य के चारों ओर रिंगनुमा आकृति नजर आई. 7 ग्रह सीधे सूर्य के संपर्क में रहे. पंडितों के मुताबिक इस बार भी तीन सदी पहले लगे सूर्यग्रहण जैसी दुर्लभ ग्रह स्थिति में यह खंडग्रास सूर्यग्रहण पड़ा.
सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद रहने से सुबह से ही मंदिरों में सन्नाटा दिखाई दिया. सूर्यग्रहण को लेकर मंदिरों में पट बंद होने के बाकायदा सूचना पट्ट लगाए गए. बुधवार रात 8 बजे से ही पट बंद कर दिए गए थे. मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में इस दौरान माता के केवल मुख के दर्शन किए जा सके. सूर्य ग्रहण का असर खत्म होने के बाद पट खोले गए और मंदिरों को धोकर पवित्र किया गया.
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बता दें, कि दोपहर 12 बजे के बाद मंदिरों में पूजा-अर्चना सहित सूर्योदय के साथ शुरू होने वाली तमाम प्रक्रियाएं शुरू हो पाईं.