बांसवाड़ा. जिसे में इन दिनों तापमान 42 डिग्री पार हो गया है और आसमा अंगारे बरसाते दिखाई दे रहा है. ऐसे में इस तपती धूप में सैकड़ों श्रमिक सड़कों पर पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं.
श्रमिकों के यह जत्थे हर दिशा में देखने को मिल रहे हैं. वहीं मंगलवार दोपहर में छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भरी गर्मी के बीच सड़कों पर जाते देखा तो डाक विभाग में काम करने वाले अशोक पांड्या का दिल पसीज आया. उन्होंने वाहन को रोककर करीब 2 दर्जन से अधिक श्रमिकों को रास्ते में पड़ने वाले गांव तक पहुंचाया.
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हालांकि पुलिस और चिकित्सा विभाग द्वारा इनकी स्क्रीनिंग कर ली गई थी. जिले के लोहारिया सर्कल के बड़ी संख्या में लोग मध्य प्रदेश के प्रीतमपुर में काम करने गए थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद उनका काम-धंधा बंद हो गया. करीब 200 किलोमीटर दूर प्रीतमपुर में इतने दिनों तक रहने के बाद भी जब कोई परिवहन सुविधा नहीं मिली, तो लगभग 2 दर्जन से अधिक लोग जिनमें आधा दर्जन से अधिक महिलाएं भी शामिल थी. वहां से पैदल ही निकल गए.
प्रतिदिन 50 से 60 किलोमीटर की दूरी नापते हुए यह लोग बांसवाड़ा पहुंचे. यहां उदयपुर रोड स्थित प्रताप सर्किल पर पुलिस ने इन सभी की स्क्रीनिंग की. जिसमें प्रथम दृष्टया सब स्वस्थ पाए गए. यहां से यह लोग फिर से अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करने जा रहे थे कि अचानक डाक विभाग में काम करने वाले अशोक पंड्या उदयपुर सीमा पर डाक लेने जा रहे थे.
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बच्चों और बुजुर्गों को आग उगलती सड़क पर चलते देखकर उनका दिल पसीज गया और उन्होंने पिकअप को फिर से रिवर्स में लेते हुए श्रमिकों को पास जा लगाया. पुलिस कर्मियों से बातचीत की तो उन्होंने भी स्केटिंग करने की बात कही और इन श्रमिकों को रास्ते में पड़ने वाले गांव तक छोड़ने का आग्रह किया. पंड्या ने तत्काल इन लोगों को बुलाकर पिकअप में बिठाया और रवाना हो गए.