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बांसवाड़ा: सांभर झील में पक्षियों की मौत पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि, सरकार से कदम उठाने का किया आग्रह

सांभर झील में देसी-विदेशी पक्षियों की मौत पर कई संस्थाओं की ओर से शनिवार को श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान संस्थाओं की ओर से पक्षियों के आकृति बना कर दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही सभी ने पक्षियों के संरक्षण के लिए सरकार से कदम उठाने का आग्रह भी किया.

पक्षियों की मौत पर श्रद्धांजलि, Tribute on the death of birds
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Published : Nov 24, 2019, 3:01 AM IST

बांसवाड़ा. जिले के गांधी मूर्ति तिराहा पर शनिवार को कई संस्थाओं की ओर से सांभर झील में पक्षियों की मौत को अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही इस दौरान पक्षियों के संरक्षण के लिए सरकार से कदम उठाने का आग्रह भी किया गया.

सांभर झील में पक्षियों की मौत पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि

इस दौरान संस्थाओं की ओर से कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पशु-पक्षियों का संरक्षण आवश्यक है. राजस्थान में हर साल हजारों पक्षी सात समंदर पार कर पहुंचते हैं. सांभर झील में हजारों पक्षी अकाल मौत का शिकार हो गए जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- राजस्थान : सांभर झील के पास करीब 1000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत

वागड़ पर्यावरण संस्था के बैनर तले शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के लोग गांधी मूर्ति तिराहा पहुंचे. जहां हिमालय जोशी और अभिषेक वैष्णव ने विभिन्न रंगों से पक्षियों की आकृतियां उकेरी. साथ ही संस्थाओं की ओर से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाए जाने के साथ ही पक्षियों के आने वाले जल स्त्रोतों को संरक्षित करने की जरूरत बताई. साथ ही सभी ने दो मिनट का मौन रखकर मारे गए पक्षियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

वहीं, इस दौरान संस्था के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, मां उमा आश्रम सेवा संस्थान के संरक्षक नरोत्तम पंड्या ,रेड ड्राप इंटरनेशनल के राहुल सर्राफ संस्था के लखन खंडेलवाल, विनय भट्ट, विनोद दोषी, राजू वृक्षम, नीरज पाठक, अपना घर के सेवालाल, लॉयंस क्लब के राजेंद्र पतंगिया सहित सभी ने अपने विचार रखे. साथ ही इस दौरान कई स्कूलों के बच्चे भी मौजूद रहे.

बांसवाड़ा. जिले के गांधी मूर्ति तिराहा पर शनिवार को कई संस्थाओं की ओर से सांभर झील में पक्षियों की मौत को अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही इस दौरान पक्षियों के संरक्षण के लिए सरकार से कदम उठाने का आग्रह भी किया गया.

सांभर झील में पक्षियों की मौत पर लोगों ने दी श्रद्धांजलि

इस दौरान संस्थाओं की ओर से कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पशु-पक्षियों का संरक्षण आवश्यक है. राजस्थान में हर साल हजारों पक्षी सात समंदर पार कर पहुंचते हैं. सांभर झील में हजारों पक्षी अकाल मौत का शिकार हो गए जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- राजस्थान : सांभर झील के पास करीब 1000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत

वागड़ पर्यावरण संस्था के बैनर तले शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के लोग गांधी मूर्ति तिराहा पहुंचे. जहां हिमालय जोशी और अभिषेक वैष्णव ने विभिन्न रंगों से पक्षियों की आकृतियां उकेरी. साथ ही संस्थाओं की ओर से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाए जाने के साथ ही पक्षियों के आने वाले जल स्त्रोतों को संरक्षित करने की जरूरत बताई. साथ ही सभी ने दो मिनट का मौन रखकर मारे गए पक्षियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

वहीं, इस दौरान संस्था के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, मां उमा आश्रम सेवा संस्थान के संरक्षक नरोत्तम पंड्या ,रेड ड्राप इंटरनेशनल के राहुल सर्राफ संस्था के लखन खंडेलवाल, विनय भट्ट, विनोद दोषी, राजू वृक्षम, नीरज पाठक, अपना घर के सेवालाल, लॉयंस क्लब के राजेंद्र पतंगिया सहित सभी ने अपने विचार रखे. साथ ही इस दौरान कई स्कूलों के बच्चे भी मौजूद रहे.

Intro:बांसवाड़ा। जयपुर के सांभर झील में अकाल मौत का शिकार देसी विदेशी पक्षियों को यहां अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि दी गई। गांधी मूर्ति तिराहा पर विभिन्न रंगों से पक्षियों की प्रतिकृतिया बनाई गई और उनके संरक्षण के लिए सरकार से कदम उठाने का आग्रह किया गया।


Body:वागड़ पर्यावरण संस्था के बैनर तले शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के लोग गांधी मूर्ति तिराहा पहुंचे। जहां हिमालय जोशी और अभिषेक वैष्णव ने विभिन्न रंगों से मुक्त पक्षियों की आकृतियां उकेरी गई। संस्था के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, मां उमा आश्रम सेवा संस्थान के संरक्षक नरोत्तम पंड्या रेड ड्राप इंटरनेशनल के राहुल सर्राफ संस्था के लखन खंडेलवाल विनय भट्ट विनोद दोषी राजू वृक्षम संस्था के नीरज पाठक अपना घर के सेवालाल लॉयंस क्लब के राजेंद्र पतंगिया आदि ने अपने विचार रखें। संस्थाओं का कहना था कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पशु पक्षियों का संरक्षण आवश्यक है।


Conclusion:राजस्थान में हर साल हजारों पक्षी सात समंदर पार कर पहुंचते हैं। सांभर झील में हजारों पक्षी अकाल मौत का शिकार हो गए जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसकी उच्चस्तरीय जांच करवाए जाने के साथ पक्षियों के आने वाले जल स्त्रोतों को संरक्षित करने की जरूरत है। बाद में यहां पर 2 मिनट का मौन रखकर मारे गए पक्षियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। संस्था के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी ने बताया कि इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी मौजूद थे।

बाइट.... दीपक त्रिवेदी अध्यक्ष वागड़ पर्यावरण संस्था

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