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गलत इंजेक्शन से युवक की मौत के बाद पुलिस की छापेमारी, 45 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर्स पकड़े

बांसवाड़ा में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 50 से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें पाया गया कि अधिकांश झोलाछाप पश्चिम बंगाल के हैं.

बांसवाड़ा में झोलाछाप गिरफ्तार, unauthorised doctor arrested in banswara
बांसवाड़ा में झोलाछाप गिरफ्तार
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Published : Dec 28, 2019, 7:19 PM IST

बांसवाड़ा. गलत इंजेक्शन से एक युवक की मौत के बाद जिला पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 45 से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें अधिकांश झोलाछाप पश्चिम बंगाल के हैं जो दुकानों में अवैध तरीके से लोगों का उपचार कर रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

बता दें कि सदर थाना अंतर्गत धनपुरा गांव के कल्लू पुत्र मंगला का इलाज बोरावट गांव में एक झोलाछाप की ओर से किया गया था. सिर में एक जहरीला इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत के बाद पुलिस हरकत में आ गई. नियमानुसार निजी क्लीनिक चलाने के लिए संचालक के पास मेडिकल काउंसिल से पंजीकरण होना जरूरी है. लेकिन बांसवाड़ा में अवैध तरीके से लोग क्लीनिक लगाकर इलाज कर रहे हैं.

बांसवाड़ा पुलिस ने पकड़े 4 दर्जन से अधिक झोलाछाप गिरफ्तार

कल्लू की मौत के बाद जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिलेभर में अवैध रूप से क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई. हालांकि दूरदराज के अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे झोलाछाप लोगों का अवैध तरीके से उपचार कर रहे हैं. लेकिन जैसे ही पुलिस कार्रवाई की भनक पड़ी अधिकांश भूमिगत हो गए या क्लीनिक बंद कर भाग छूटे. पुलिस की ओर से जानबूझकर इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत इन झोलाछाप को गिरफ्तार किया गया.

पढ़ें: कांग्रेस के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं ने भाजपा की नीतियों पर किया प्रहार

वहीं जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अनुसार यह कार्रवाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्राधिकार में है. लेकिन सामूहिक रूप से इस प्रकार से अवैध तरीके से उपचार कर लोगों की जान से खिलवाड़ करना जुर्म है और उसी के तहत पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की. जो आगे भी जारी रहेगी. इस संबंध में सीएमएचओ एवं जिला कलेक्टर को भी सूचना भेजी जाएगी.

बांसवाड़ा. गलत इंजेक्शन से एक युवक की मौत के बाद जिला पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 45 से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें अधिकांश झोलाछाप पश्चिम बंगाल के हैं जो दुकानों में अवैध तरीके से लोगों का उपचार कर रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

बता दें कि सदर थाना अंतर्गत धनपुरा गांव के कल्लू पुत्र मंगला का इलाज बोरावट गांव में एक झोलाछाप की ओर से किया गया था. सिर में एक जहरीला इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत के बाद पुलिस हरकत में आ गई. नियमानुसार निजी क्लीनिक चलाने के लिए संचालक के पास मेडिकल काउंसिल से पंजीकरण होना जरूरी है. लेकिन बांसवाड़ा में अवैध तरीके से लोग क्लीनिक लगाकर इलाज कर रहे हैं.

बांसवाड़ा पुलिस ने पकड़े 4 दर्जन से अधिक झोलाछाप गिरफ्तार

कल्लू की मौत के बाद जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिलेभर में अवैध रूप से क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई. हालांकि दूरदराज के अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे झोलाछाप लोगों का अवैध तरीके से उपचार कर रहे हैं. लेकिन जैसे ही पुलिस कार्रवाई की भनक पड़ी अधिकांश भूमिगत हो गए या क्लीनिक बंद कर भाग छूटे. पुलिस की ओर से जानबूझकर इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत इन झोलाछाप को गिरफ्तार किया गया.

पढ़ें: कांग्रेस के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं ने भाजपा की नीतियों पर किया प्रहार

वहीं जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अनुसार यह कार्रवाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्राधिकार में है. लेकिन सामूहिक रूप से इस प्रकार से अवैध तरीके से उपचार कर लोगों की जान से खिलवाड़ करना जुर्म है और उसी के तहत पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की. जो आगे भी जारी रहेगी. इस संबंध में सीएमएचओ एवं जिला कलेक्टर को भी सूचना भेजी जाएगी.

Intro:बांसवाड़ा। गलत इंजेक्शन से एक युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग को नहीं जागा लेकिन जिला पुलिस जरूर एक्शन मोड पर आ गई। पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर करीब 4 दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें अधिकांश झोलाछाप पश्चिम बंगाल के हैं जो दुकानों में अवैध तरीके से लोगों का उपचार कर रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।


Body:सदर थाना अंतर्गत धनपुरा गांव के कल्लू पुत्र मंगला का इलाज बोरावट गांव में एक झोलाछाप द्वारा इलाज किया गया। सिर में एक जहरीला इंजेक्शन लगाने से उसकी मौत के बाद पुलिस हरकत में आ गई। नियमानुसार निजी क्लीनिक चलाने के लिए संचालक के पास मेडिकल काउंसिल से पंजीकरण होना जरूरी है लेकिन बांसवाड़ा जिले में गांव गांव में अवैध तरीके से लोग क्लीनिक लगाकर इलाज कर रहे हैं। कल्लू की मौत के बाद जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जिलेभर में अवैध रूप से क्लीनिक चलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई। चलो पार्ट में नो और पाटन में 8 झोलाछाप गिरफ्तार किए गए। कुल मिलाकर अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 4 दर्जन से अधिक झोलाछाप गिरफ्तार कर लिए। इनमें से सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के हैं।


Conclusion:हालांकि दूरदराज के अंदरुनी इलाकों में बड़ी संख्या में ऐसे झोलाछाप लोगों का अवैध तरीके से उपचार कर रहे हैं लेकिन जैसे ही पुलिस कार्रवाई की भनक पड़ी अधिकांश भूमिगत हो गए या क्लीनिक बंद कर भाग छूटे। पुलिस द्वारा जानबूझकर इलाज के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर सीआरपीसी की धारा 107/ 151 के तहत इन झोलाछाप को गिरफ्तार किया। जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अनुसार हालांकि यह कार्रवाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्राधिकार में है लेकिन सामूहिक रूप से इस प्रकार अवैध तरीके से उपचार कर लोगों की जान से खिलवाड़ करना जुर्म है और उसी के तहत पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की जो आगे भी जारी रहेगी। इस संबंध में सीएमएचओ एवं जिला कलेक्टर को भी सूचना भेजी जाएगी।

बाइट..... केसर सिंह शेखावत जिला पुलिस अधीक्षक बांसवाड़ा

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