बांसवाड़ा. मां त्रिपुरा सुंदरी की महिमा निराली है. बांसवाड़ा में मां त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर प्रमुख 52 शक्ति पीठों में से एक है. राजस्थान ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी माता त्रिपुरा सुंदरी पूजी जा रही है. माता की ख्याति को सुनकर महाराष्ट्र से श्रद्धालुओं के एक दल ने पूजा अर्चना के साथ मंदिर से माता की ज्योत लेकर अहमदनगर महाराष्ट्र रवाना हो गया. रोचक बात यह है कि माता की यह ज्योत पैदल ले जाई जा रही है.
अहमदनगर जिले के नेवासा तालुका अंतर्गत गेंडा गांव से 50 से अधिक सदस्यों का एक भक्त मंडल देर रात मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंचा. जब दल के सदस्यों ने मंदिर प्रबंधन के लोगों के समक्ष अपनी इच्छा जताई तो प्रबंधन के कर्मचारी भी हैरत में पड़ गए. करीब 700 किलोमीटर से अधिक दूर से आए यह लोग एक मिनी ट्रक लेकर यहां पहुंचे वही उनके साथ दो बाइक्स भी है.
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ऐसे जानी मां त्रिपुरा सुंदरी की महिमा
भक्त मंडल के सदस्यों ने बताया कि वह हर साल नवरात्रा के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रमुख शक्तिपीठों पर पहुंचकर वहां से ज्योत लेकर अपने घर जाते हैं. पिछले साल वे लोग कर्नाटक से ज्योत लाए थे. इस बार हमने मां त्रिपुरा सुंदरी के बारे में नेट पर सर्च किया और यहां आने का निर्णय किया.
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5 दिन में पहुंच जाएंगे गांव
माता रानी के दर्शनों के बाद विशेष पूजा अर्चना की गई और पुजारी से ज्योत लेकर भक्त मंडल के लोग मंदिर से रवाना हो गए. मंडल के उपाध्यक्ष साईं नाथ गोंडे के अनुसार एक सदस्य जोत लेकर पैदल चलेगा और उसके साथ दो बाइक्स चलती रहेगी. ज्योत लेकर चलने वाला व्यक्ति एक निर्धारित दूरी तक बदला जाता रहेगा. शेष अन्य सदस्य मिनी ट्रक में सवार रहेंगे जो इनके आगे आगे चलती रहेगी. उन्होंने बताया कि 29 सितंबर को सुबह 8:00 बजे तक हम बंडा शुगर मिल पहुंच जाएंगे और नवरात्रा के दौरान यह ज्योत प्रज्वलित करेंगे.