बांसवाड़ा. कोरोना महामारी को देखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष और सचिव ने जिला कारागृह और बाल संप्रेषण गृह का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को परखा. इस दौरान जेल में बंदियों की पिछले ढाई माह से स्वास्थ्य जांच नहीं होने की बात सामने आई. वहीं संप्रेषण गृह में भी बच्चों ने प्राधिकरण अध्यक्ष के समक्ष खानपान को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई.
प्राधिकरण पदाधिकारियों ने अपनी नाराजगी जताते हुए जेल और संप्रेषण गृह प्रबंधन को व्यवस्थाओं में सुधार करने के निर्देश दिए. प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र सिंह भाटी अचानक जिला जेल पहुंचे. यहां उन्होंने बंदियों को रखने की क्षमता के विरुद्ध रखे गए बंदियों की संख्या, उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए कारागृह में सोशल डिस्टेंसिंग रखी जा रही है या नहीं, स्वच्छता कचरा संग्रहण, भोजन व्यवस्था, शुद्ध पेयजल और कोविड-19 के लिए आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाओं और आइसोलेशन वार्ड बिंदुओं पर जेल प्रशासन से जानकारी ली.
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वहीं उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कारागृह में प्रवेश से पहले नए बंदियों की कोरोना की जांच करवाया जा रहा है या नहीं. इसके के बाद स्वास्थ्य जांच के संबंध में जानकारी ली, तो सामने आया कि जेल में नियुक्त चिकित्सक द्वारा उसकी नियमित रूप से जांच की जा रही है. लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा मार्च 2000 के बाद से किसी भी बंदी की जांच नहीं की गई है. भाटी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कारागृह प्रशासन को चिकित्सा विभाग के संबंध में स्थापित कर विशेषज्ञ डॉक्टर की विजिट फिर से शुरू करवाने के निर्देश दिए है.
उधर, प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला न्यायाधीश बीएस तोमर ने बाद में भाटी के साथ राजकीय संप्रेक्षण गृह और बाल गृह का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली. प्राधिकरण अध्यक्ष और सचिव ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए नियमित साफ-सफाई और आवश्यक व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए. यहां बच्चों से की गई बातचीत में सामने आया कि उन्हें दूध, दही और छाछ नहीं दिया जा रहा है. जिस पर जिला न्यायाधीश ने आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.