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पढ़ाई की ऐसी लगन : रिटायर्ड शिक्षक ने पोते के साथ पास की कर्मकांड-पौरोहित्य डिप्लोमा परीक्षा...वो भी First Division

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Published : Dec 17, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 5:40 PM IST

मन में लगन हो और कुछ करने की ठान ली जाए तो कोई भी काम असंभव नहीं होता. ऐसा ही एक मामला बांसवाड़ा शहर में सामने आया है, जिसमें 60 वर्ष की उम्र सीमा पार कर चुके दादा ने खुद भी तैयारी की और रात में अपने पोते को भी पढ़ाया. इसके बाद दोनों ने कर्मकांड एवं पौरोहित्य में एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम (Grandfather Grandson Passed Ritual Exam Together) प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है.

Grandfather Grandson Passed Ritual Exam Together
दादा शरद चंद्र और पोता हेनिल व्यास

बांसवाड़ा. राजस्थान में बांसवाड़ा शहर की शहीद भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाले सरकारी सेवा से रिटायर शिक्षक (Faith in Religious Ritual) शरद चंद्र व्यास को धार्मिक कर्मकांड में पहले से ही बहुत अधिक विश्वास था. जिसके चलते उन्होंने गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के वेद विद्यापीठ से संचालित किए गए कर्मकांड एवं पौरोहित्य के एक वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने पोते हेनिल व्यास को भी इसके लिए मोटिवेट किया और उसको भी प्रवेश दिला दिया.

हेनिल नवीं कक्षा का छात्र था और स्कूल में पढ़ने जाता था. ऐसे में शरद चंद्र स्वयं दिन में यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाते और रात में उसी पढ़ाई का अभ्यास अपने पोते को भी कराते. 2 दिन पहले जब रिजल्ट आया (Grandfather Grandson Passed Ritual Exam Together) तो दोनों खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.

दादा-पोते ने क्या कहा सुनिये....

शरद चंद्र व्यास ने इस परीक्षा में 300 में से 268 अंक प्राप्त किए हैं. वहीं, पोते हेनिल ने 300 में से 234 अंक प्राप्त किए हैं. परीक्षा परिणाम के बाद दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं कि दोनों ने एक साथ प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की है.

परिवार में हमेशा से मिला धार्मिक माहौल...

हेनिल व्यास ने बताया कि उनके पिताजी और परिवार के अन्य लोग भी धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए हैं. ऐसे में हमेशा ही परिवार में एक धार्मिक माहौल मिला. हेनिल ने बताया कि दादा जी सरकारी शिक्षक और फिर प्रधानाचार्य होने के कारण यह काम नहीं कर सके थे. लेकिन रिटायरमेंट के बाद जैसे ही उन्हें समय मिला, उन्होंने अपने आपको इसके लिए मानसिक रूप से तैयार किया और अध्ययन करने लगे. आज नतीजा सभी के सामने है.

पढ़ें : गोविंद देवजी मंदिर में वेद कर्मकांड और ज्योतिष वास्तु के डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन शुरू

पढ़ें : हर की पौड़ी पर सिर्फ अस्थि विसर्जन और कर्मकांड की इजाजत, बॉर्डर से एंट्री बंद

प्रदेश का जीजीटीयू एकमात्र विश्वविद्यालय जो धार्मिक शिक्षा भी देता है...

गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जो कई प्रकार के धार्मिक पाठ्यक्रम संचालित करता है. इसके लिए सरकार ने विशेष अनुमति जारी कर वेद विद्यापीठ नाम से संस्था खोला गया है.

बांसवाड़ा. राजस्थान में बांसवाड़ा शहर की शहीद भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाले सरकारी सेवा से रिटायर शिक्षक (Faith in Religious Ritual) शरद चंद्र व्यास को धार्मिक कर्मकांड में पहले से ही बहुत अधिक विश्वास था. जिसके चलते उन्होंने गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के वेद विद्यापीठ से संचालित किए गए कर्मकांड एवं पौरोहित्य के एक वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने पोते हेनिल व्यास को भी इसके लिए मोटिवेट किया और उसको भी प्रवेश दिला दिया.

हेनिल नवीं कक्षा का छात्र था और स्कूल में पढ़ने जाता था. ऐसे में शरद चंद्र स्वयं दिन में यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाते और रात में उसी पढ़ाई का अभ्यास अपने पोते को भी कराते. 2 दिन पहले जब रिजल्ट आया (Grandfather Grandson Passed Ritual Exam Together) तो दोनों खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.

दादा-पोते ने क्या कहा सुनिये....

शरद चंद्र व्यास ने इस परीक्षा में 300 में से 268 अंक प्राप्त किए हैं. वहीं, पोते हेनिल ने 300 में से 234 अंक प्राप्त किए हैं. परीक्षा परिणाम के बाद दोनों काफी खुश नजर आ रहे हैं कि दोनों ने एक साथ प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की है.

परिवार में हमेशा से मिला धार्मिक माहौल...

हेनिल व्यास ने बताया कि उनके पिताजी और परिवार के अन्य लोग भी धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए हैं. ऐसे में हमेशा ही परिवार में एक धार्मिक माहौल मिला. हेनिल ने बताया कि दादा जी सरकारी शिक्षक और फिर प्रधानाचार्य होने के कारण यह काम नहीं कर सके थे. लेकिन रिटायरमेंट के बाद जैसे ही उन्हें समय मिला, उन्होंने अपने आपको इसके लिए मानसिक रूप से तैयार किया और अध्ययन करने लगे. आज नतीजा सभी के सामने है.

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प्रदेश का जीजीटीयू एकमात्र विश्वविद्यालय जो धार्मिक शिक्षा भी देता है...

गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जो कई प्रकार के धार्मिक पाठ्यक्रम संचालित करता है. इसके लिए सरकार ने विशेष अनुमति जारी कर वेद विद्यापीठ नाम से संस्था खोला गया है.

Last Updated : Dec 17, 2021, 5:40 PM IST
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