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बांसवाड़ा : 2 मार्च से मिशन इंद्रधनुष का चौथा चरण, 0-2 साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण - vaccination of children

देशभर में बच्चों को जानलेवा बिमारियों से बचाने के लिए 'मिशन इंद्रधनुष' चलाया जा रहा है. बांसवाड़ा में अभियान के चौथे चरण के तहत टीकाकरण से वंचित रह गए 0-2 साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा. जिसकी शुरूआत 2 मार्च से होगी.

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मिशन इंद्रधनुष का चौथा चरण
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Published : Mar 1, 2020, 5:11 PM IST

बांसवाड़ा. नौनिहालों को भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए चिकित्सा विभाग ने 'मिशन इंद्रधनुष' की शुरूआत की है. मिशन के चौथे चरण में इससे वंचित रह गए बच्चों को चिन्हित कर उनका टीकाकरण किया जाएगा.

मिशन इंद्रधनुष का चौथा चरण

'खुशियों के रंग टीकाकरण के संग' स्लोगन पर आधारित मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मी विभिन्न स्थानों पर जाकर टीकाकरण से छूटे हुए 0-2 साल तक के बच्चों को और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाएंगे. अब तक जिले में मिशन इंद्रधनुष के तहत 92 प्रतिशत बच्चे और 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है. चौथे चरण में शेष बच्चों और महिलाओं को अभियान के अंतर्गत कवर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.

यह भी पढ़ें- विशेष: ऐसा पहाड़ जो ख्वाजा साहब की याद में खूब रोया...900 बरस बाद भी नहीं सूखे आंसू

जानलेवा है रोटावायरस और खसरा

टीकाकरण से बच्चों और महिलाओं को खतरनाक माने जाने वाले खसरा, निमोनिया, डायरिया, टीवी गलघोटू, हेपेटाइटिस बी और रोटावायरस जैसे खतरनाक रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है. इन सभी बिमारियों में खसरा और रोटावायरस और भी खतरनाक माना गया है, जो तेजी से फैलने के साथ जानलेवा हो सकता है.

आरसीएमएचओ डॉ. नरेंद्र कोहली के मुताबिक इस मिशन के अंतर्गत करीब 300 ढाणियों को चिन्हित किया गया है. दिसंबर से अब तक 990 वंचित बच्चों को आवश्यक टीके लगाए जा चुके हैं. अब विभाग चिन्हित किए गए बच्चों को अभियान के अंतर्गत टीके लगाएगा.

बांसवाड़ा. नौनिहालों को भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए चिकित्सा विभाग ने 'मिशन इंद्रधनुष' की शुरूआत की है. मिशन के चौथे चरण में इससे वंचित रह गए बच्चों को चिन्हित कर उनका टीकाकरण किया जाएगा.

मिशन इंद्रधनुष का चौथा चरण

'खुशियों के रंग टीकाकरण के संग' स्लोगन पर आधारित मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मी विभिन्न स्थानों पर जाकर टीकाकरण से छूटे हुए 0-2 साल तक के बच्चों को और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाएंगे. अब तक जिले में मिशन इंद्रधनुष के तहत 92 प्रतिशत बच्चे और 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है. चौथे चरण में शेष बच्चों और महिलाओं को अभियान के अंतर्गत कवर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.

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जानलेवा है रोटावायरस और खसरा

टीकाकरण से बच्चों और महिलाओं को खतरनाक माने जाने वाले खसरा, निमोनिया, डायरिया, टीवी गलघोटू, हेपेटाइटिस बी और रोटावायरस जैसे खतरनाक रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है. इन सभी बिमारियों में खसरा और रोटावायरस और भी खतरनाक माना गया है, जो तेजी से फैलने के साथ जानलेवा हो सकता है.

आरसीएमएचओ डॉ. नरेंद्र कोहली के मुताबिक इस मिशन के अंतर्गत करीब 300 ढाणियों को चिन्हित किया गया है. दिसंबर से अब तक 990 वंचित बच्चों को आवश्यक टीके लगाए जा चुके हैं. अब विभाग चिन्हित किए गए बच्चों को अभियान के अंतर्गत टीके लगाएगा.

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