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बांसवाड़ाः विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी और अधिकारी एकजुट, तैयार की आंदोलन की रणनीति - राजस्थान न्यूज

विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ बांसवाड़ा में विभाग के कर्मचारी और अधिकारी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने सोमवार को बैठक कर निगम प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया. बैठक में तय हुआ कि 16 अक्टूबर को उपखंड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन का आगाज होगा.

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बांसवाड़ा में विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों और अधिकारियों ने बैठक
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Published : Oct 12, 2020, 5:34 PM IST

बांसवाड़ा. विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी और अधिकारी लामबंद होते जा रहे हैं. कर्मचारी और अधिकारियों ने परस्पर एकसाथ होकर सोमवार को संयुक्त बैठक में निगम प्रबंधन के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की और आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया. बैठक में तय हुआ कि 16 अक्टूबर को उपखंड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन का आगाज होगा.

इस दौरान तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भगवतीलाल डिंडोर ने इस फैसले को कर्मचारियों के साथ-साथ इसे उपभोक्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ बताया. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो प्रबंधन कर्मचारियों से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ पिछले दरवाजे से एफआरसी के बाद एमबीसी के भी आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार के इस कदम से अकेले बांसवाड़ा में ही निगम को प्रतिमाह करीब 25 लाख रुपए से अधिक का नुकसान होगा.

भारतीय मजदूर संघ के महेश भावसार ने कहा कि जिले में विद्युत निगम को हो रहे नुकसान में लगातार कमी आ रही है. उसके बाद भी सरकार को विद्युत विभाग को निजी हाथों में सौंपने की ऐसी कौन सी जरूरत पड़ गई जिसे वो लोगों से छिपा रही है. वहीं, पावर एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास नायक आदि ने भी विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

ये भी पढे़ंः इधर परिजन कर रहे थे मजदूरी...उधर बेटे ने खा लिया जहरीला पदार्थ, मौत

तकनीकी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डिंडोर ने कहा कि सरकार का ये निर्णय कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है. भविष्य में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए आज सारे कर्मचारी संगठनों ने बैठक कर रणनीति तैयार की है. सरकार ने अपना आदेश वापस नहीं लिया तो, प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी.

बांसवाड़ा. विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी और अधिकारी लामबंद होते जा रहे हैं. कर्मचारी और अधिकारियों ने परस्पर एकसाथ होकर सोमवार को संयुक्त बैठक में निगम प्रबंधन के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की और आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया. बैठक में तय हुआ कि 16 अक्टूबर को उपखंड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के साथ आंदोलन का आगाज होगा.

इस दौरान तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भगवतीलाल डिंडोर ने इस फैसले को कर्मचारियों के साथ-साथ इसे उपभोक्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ बताया. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ तो प्रबंधन कर्मचारियों से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ पिछले दरवाजे से एफआरसी के बाद एमबीसी के भी आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार के इस कदम से अकेले बांसवाड़ा में ही निगम को प्रतिमाह करीब 25 लाख रुपए से अधिक का नुकसान होगा.

भारतीय मजदूर संघ के महेश भावसार ने कहा कि जिले में विद्युत निगम को हो रहे नुकसान में लगातार कमी आ रही है. उसके बाद भी सरकार को विद्युत विभाग को निजी हाथों में सौंपने की ऐसी कौन सी जरूरत पड़ गई जिसे वो लोगों से छिपा रही है. वहीं, पावर एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास नायक आदि ने भी विद्युत विभाग के निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.

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तकनीकी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डिंडोर ने कहा कि सरकार का ये निर्णय कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है. भविष्य में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए आज सारे कर्मचारी संगठनों ने बैठक कर रणनीति तैयार की है. सरकार ने अपना आदेश वापस नहीं लिया तो, प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी.

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