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बांसवाड़ा: महात्मा गांधी हॉस्पिटल में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने को लेकर प्रयास शुरू - multi-story parking

बांसवाड़ा नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी की ओर से मदद के आश्वासन के बाद महात्मा गांधी हॉस्पिटल प्रशासन मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण को लेकर हरकत में आ गया है. पढ़ें विस्तृत खबर....

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एमजी हॉस्पिटल में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने के प्रयास
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Published : Feb 24, 2020, 12:42 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल महात्मा गांधी में बेतरतीब पार्किंग एक प्रमुख समस्या बन गई है. यह हॉस्पिटल दो भागों में है, और दोनों में ही इस प्रकार की समस्या के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इस समस्या के समाधान के लिए काफी समय से विचार किया जा रहा है. अब जाकर नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाने का आश्वासन देने के बाद इस दिशा में नई उम्मीद जगी है.

एमजी हॉस्पिटल में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने के प्रयास

आपको बता दें कि सभापति द्वारा राजस्थान मेडिकल सोसायटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था, इसके लिए नगर परिषद द्वारा मदद दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया गया था. हॉस्पिटल प्रशासन ने इस प्रस्ताव को हाथों-हाथ लिया है. सभापति ने इसके लिए हॉस्पिटल प्रशासन को जमीन उपलब्ध कराने के लिए भी कहा.

यह भी पढ़ेंः बीकानेर: आपसी कहासुनी में दलित महिला की लाठियों से पिटाई, इलाज के दौरान मौत

योजना के मुताबिक एक ऐसी पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाया जाना तय हुआ है, जिसके तहत 200 से 300 वाहनों को पार्क करने के लिए मल्टी स्टोरी पार्किंग व्यवस्था की जा सके. वर्तमान हालात यह है कि शनिवार और रविवार को छोड़कर हॉस्पिटल में वाहनों को पार्क करने के लिए जगह ही नहीं मिलती. लोग जहां चाहे वहीं अपने वाहन पार्क कर देते हैं.

यहां तक कि एंबुलेंस चालकों को इमरजेंसी गेट तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में रोगियों को इमरजेंसी गेट तक पहुंचाने में भी काफी समय लग जाता है, जो कि कई बार रोगियों के लिए घातक सिद्ध होता है. हालांकि यहां पर पार्किंग कॉन्ट्रैक्ट पर चल रही है और ठेकेदार द्वारा वाहन चालकों को सही जगह पर वाहन खड़े करने के लिए कहा जाता है, परंतु जगह के अभाव में कई बार ठेकेदार भी बेबस होकर रह जाता है.

कुछ-कुछ ऐसे ही हालात मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के भी हैं. यहां तक कि कई वार्डों के आसपास भी बड़ी संख्या में वाहन खड़े देखे जा सकते हैं.

हरकत में आया हॉस्पिटल प्रशासन

नगर परिषद सभापति की मदद के आश्वासन के बाद प्रशासन मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण को लेकर हरकत में आ गया है. हालांकि इसके लिए हॉस्पिटल में कोई ओपन स्पेस तो नहीं है, लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार के पास वैक्सीन डिपो की जमीन इसके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. यह डिपो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और विभाग द्वारा इस बिल्डिंग को खतरनाक भी घोषित किया जा चुका है.

ऐसे में वैक्सीन डिपो के स्थान पर मल्टी स्टोरी पार्किंग के निर्माण की संभावना सबसे ज्यादा नजर आ रही है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नंदलाल चरपोटा के अनुसार वैक्सीन डिपो हमारे कोई काम नहीं आ रहा है और लंबे समय से बंद पड़ा है. हमनें मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के स्थानीय अधिकारियों को पत्र भेज दिया है. शीघ्र ही इस संबंध में सर्वे करवाकर रिपोर्ट नगर परिषद को भेजी जाएगी.

बांसवाड़ा. जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल महात्मा गांधी में बेतरतीब पार्किंग एक प्रमुख समस्या बन गई है. यह हॉस्पिटल दो भागों में है, और दोनों में ही इस प्रकार की समस्या के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

इस समस्या के समाधान के लिए काफी समय से विचार किया जा रहा है. अब जाकर नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाने का आश्वासन देने के बाद इस दिशा में नई उम्मीद जगी है.

एमजी हॉस्पिटल में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने के प्रयास

आपको बता दें कि सभापति द्वारा राजस्थान मेडिकल सोसायटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया था, इसके लिए नगर परिषद द्वारा मदद दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया गया था. हॉस्पिटल प्रशासन ने इस प्रस्ताव को हाथों-हाथ लिया है. सभापति ने इसके लिए हॉस्पिटल प्रशासन को जमीन उपलब्ध कराने के लिए भी कहा.

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योजना के मुताबिक एक ऐसी पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाया जाना तय हुआ है, जिसके तहत 200 से 300 वाहनों को पार्क करने के लिए मल्टी स्टोरी पार्किंग व्यवस्था की जा सके. वर्तमान हालात यह है कि शनिवार और रविवार को छोड़कर हॉस्पिटल में वाहनों को पार्क करने के लिए जगह ही नहीं मिलती. लोग जहां चाहे वहीं अपने वाहन पार्क कर देते हैं.

यहां तक कि एंबुलेंस चालकों को इमरजेंसी गेट तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में रोगियों को इमरजेंसी गेट तक पहुंचाने में भी काफी समय लग जाता है, जो कि कई बार रोगियों के लिए घातक सिद्ध होता है. हालांकि यहां पर पार्किंग कॉन्ट्रैक्ट पर चल रही है और ठेकेदार द्वारा वाहन चालकों को सही जगह पर वाहन खड़े करने के लिए कहा जाता है, परंतु जगह के अभाव में कई बार ठेकेदार भी बेबस होकर रह जाता है.

कुछ-कुछ ऐसे ही हालात मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के भी हैं. यहां तक कि कई वार्डों के आसपास भी बड़ी संख्या में वाहन खड़े देखे जा सकते हैं.

हरकत में आया हॉस्पिटल प्रशासन

नगर परिषद सभापति की मदद के आश्वासन के बाद प्रशासन मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण को लेकर हरकत में आ गया है. हालांकि इसके लिए हॉस्पिटल में कोई ओपन स्पेस तो नहीं है, लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार के पास वैक्सीन डिपो की जमीन इसके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है. यह डिपो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और विभाग द्वारा इस बिल्डिंग को खतरनाक भी घोषित किया जा चुका है.

ऐसे में वैक्सीन डिपो के स्थान पर मल्टी स्टोरी पार्किंग के निर्माण की संभावना सबसे ज्यादा नजर आ रही है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नंदलाल चरपोटा के अनुसार वैक्सीन डिपो हमारे कोई काम नहीं आ रहा है और लंबे समय से बंद पड़ा है. हमनें मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के स्थानीय अधिकारियों को पत्र भेज दिया है. शीघ्र ही इस संबंध में सर्वे करवाकर रिपोर्ट नगर परिषद को भेजी जाएगी.

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