बांसवाड़ा. जिला प्रमुख रेशमा मालवीय की अध्यक्षता में मंगलवार को टीएडी सभागार में परिषद की साधारण सभा की बैठक हुई. बैठक में सड़क निर्माण विभाग, विद्युत निगम और माही परियोजना को लेकर अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के निशाने पर रहे. सड़क निर्माण पर जनप्रतिनिधियों ने घटिया सामग्री करने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है.
सज्जनगढ़ और बागीदौरा क्षेत्र में नवनिर्मित सड़कों के उखड़ने और उनमें गड्ढे होने के मामले को विधायकों का भी समर्थन मिला. सज्जनगढ़ की प्रधान मोती भूरिया ने डूंगरा- जालमपुरा तथा आमली पाड़ा- जीवा कूटा और सज्जनगढ़ इटावा नवनिर्मित सड़क का मुद्दा उठाया. विभागीय अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया. वहीं, कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने भी उनकी बात का समर्थन करते हुए निर्माण विभाग से उत्तर मांगा.
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वरिष्ठ सदस्य गुरपालव ने घटिया सड़क निर्माण के लिए घटिया किस्म की गिट्टी इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 500 रुपए की गिट्टी के 8000 रुपए वसूले जा रहे हैं. जिला प्रमुख रेशमा मालवीय नवी छींच चौराहा से बागीदौरा सड़क मार्ग के खस्ताहाल होने की बात कहते हुए अधिकारियों से जवाब मांगा. इसके साथ ही कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी क्षेत्र के सड़कों की बदतर हालत होने का मुद्दा उठाया.
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इस दौरान जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों से जवाब देने को कहा. वहीं विभाग की ओर से बताया गया कि यहां की गिट्टी पानी मिलने के बाद क्रेक होती है. इसी कारण अधिक समय तक सड़कें टिक नहीं पाती. जिला कलेक्टर ने नवनिर्मित सड़क मार्गो के कार्य का क्वालिटी कंट्रोल से टेस्ट करवाने के निर्देश दिए.
वहीं, पूर्व मंत्री और बागीदौरा विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने लिलवानी गांव का मुद्दा उठाया. जहां बिजली उत्पादन के बावजूद बिजली नहीं पहुंच पाई. उन्होंने अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आखिर कब तक बहाने बनाओगे. जिला परिषद सदस्य गोविंद सिंह राव तलवाड़ा की प्रधान प्रज्ञा, छोटी श्रवण के प्रधान राजेश कटारा ने भी बिजली से जुड़ा मुद्दा उठाया. मालवीय ने कहा कि बीपीएल परिवार को 32000 रुपए का बिल भेजना कहां तक उचित है. इस पर निगम के अधिकारियों ने कहा कि 15 सो रुपए बिल था और विजिलेंस द्वारा मामला बनाया गया. बाकी की रकम कौन सी है, इस पर कहा गया कि यह पेनल्टी लगाई गई है. इस मामले को लेकर कई जनप्रतिनिधियों ने निगम की मंशा पर सवाल उठाए.
बैठक के दौरान माही परियोजना के तहत नहर निर्माण के कार्य में विभागीय ढिलाई पर जनप्रतिनिधि बरस पड़े. उनका कहना था कि नहर खोलने से पहले अधिकारियों को साफ सफाई और टूट-फूट की याद आती है. इस कारण टेल तक पानी नहीं पहुंचता और किसान अपनी फसल नहीं ले पाते. बागीदौरा विधायक ने दीपावली के दूसरे दिन नहर में पानी छोड़ने का सुझाव दिया. सांसद कनक मल कटारा ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से परस्पर सामंजस्य बिठाकर जनता के हित में कार्य करने की बात कही.
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पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने शराब के नशे में वाहनों के संचालन से दुर्घटनाएं होने की बात उठाते हुए जनप्रतिनिधियों से हेलमेट के इस्तेमाल में सहयोग मांगा. इससे पहले जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत ने गत बैठक का ब्यौरा रखा. प्रारंभ में जिला प्रमुख द्वारा नवनिर्वाचित सांसद कटारा का स्वागत किया.