बांसवाड़ा. जिले में कोरोना सैंपल की जांच के लिए अब उदयपुर और डूंगरपुर पर निर्भरता खत्म हो गई. प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों पर सरकार की ओर से लैब मंजूर की गई थी, जिनमें से सबसे पहले सोमवार को बांसवाड़ा में इसकी शुरुआत हो गई. जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने इसका उद्घाटन किया. प्रारंभिक तौर पर यहां प्रतिदिन 200 सैंपल तक की जांच हो सकेगी और जरूरत होने पर इसे बढ़ाया भी जा सकेगा.
कोरोना जांच लैब की कीमत 1.33 करोड़ रुपए...
करीब एक करोड़ 33 लाख की इस लैब के उद्घाटन के बाद महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर में एक सादा समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजाति मंत्री ने कहा कि सरकार इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक हमें कोरोना के साथ जीना है.
उन्होंने कहा कि हमें सतर्कता बरतना जरूरी है. इसके लिए सरकार द्वारा 21 से लेकर 30 जून तक जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बांसवाड़ा में कोरोना पर कंट्रोल के लिए जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इसके लिए जो भी जरूरत होगी उसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.
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अध्यक्षता करते हुए सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार ने बताया कि हमारे यहां का रिकवरी रेट आज प्रदेश में सबसे टॉप पर है. कुल 99 में से दो लोगों की मौत हुई है और 7 लोगों का उपचार चल रहा है. 90 लोग स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं. इस दौरान उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चुंडावत, पुलिस उपाधीक्षक अनिल मीणा वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ओपी उपाध्याय आदि ने भी विचार रखें. डीपीएम डॉ. हेमलता जैन ने समारोह का संचालन किया.