बांसवाड़ा. प्रदेश और उदयपुर संभाग के अन्य जिलों के मुकाबले बांसवाड़ा में कोरोना पर कंट्रोल है, लेकिन जिस प्रकार से हजारों लोग अन्य प्रदेशों से पहुंचे हैं. इन लोगों से आदिवासी बहुल स्थानीय लोगों पर खतरा और बढ़ गया है. इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा डूंगरपुर के बाद बांसवाड़ा में भी कोरोना जांच के लिए एडवांस कूलर लैब को मंजूरी प्रदान की है.
इसके साथ ही बांसवाड़ा जिला प्रशासन महात्मा गांधी चिकित्सालय में लैब स्थापना की तैयारियों में जुट गया है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार जरूरी मशीनें पहुंचने का क्रम शुरू भी हो गया है और जून के पहले सप्ताह तक सैंपल जांच की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है. लैब के लिए जरूरी ऑटोक्लेव मशीन पहुंच चुकी है और अन्य मशीनें भी अगले दो-तीन दिन में हॉस्पिटल पहुंचने की संभावना है.
इसे देखते हुए हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा लेखा शाखा में लैब की डिजाइन के अनुसार सिविल वर्क को और भी तेज कर दिया गया है. सरकार द्वारा 90 लाख रूपय आवश्यक मशीनों और 15 लाख रुपए सिविल वर्क के लिए जारी किए हैं. इसे देखते हुए संबंधित कंपनियों को मशीनें भेजने की ऑर्डर जारी कर दिए गए.
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स्टाफ की कमी को देखते हुए यहां ऑटोमेटेड एक्सट्रैक्शन मशीन मंजूर की गई है. आरटीपीसीआर मशीन, बायोसेफ्टी केबिनेट, हिट ब्लॉक, लैमिनार फ्लो और ऑटोक्लेव सहित करीब 16 प्रकार की मशीनें लैब में स्थापित होगी. इसका पूरा जिम्मा आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर को दिया गया है.
बेस बनाने का काम अंतिम चरण पर
अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट और लैब प्रभारी डॉ. गौरव सर्राफ के अनुसार बेस बनाने का काम अंतिम चरण में है. आवश्यक मशीनें अगले दो-तीन दिन में पहुंचने की उम्मीद हैl इसके साथ ही आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की देखरेख में मशीनों की स्थापना होगी. उदयपुर लैब में संक्रमण फैलने के कारण 2 दिन से काम बंद है और लैब खुलने के बाद स्टाफ की ट्रेनिंग होगी.
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उन्होंने बताया कि मुझे लगता है कि जून के प्रथम सप्ताह तक लैब में कामकाज शुरू हो जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि तुरंत रिपोर्ट मिलने से परिजनों और रोगी के कांटेक्ट में आने वाले लोगों को तुरंत प्रभाव से लिस्टेड किया जा सकेगा.