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Exclusive: ICU और कोविड-19 वार्ड के बीच कॉमन लैट-बाथ, गंभीर रोगियों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

बांसवाड़ा के MGH अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. गहन चिकित्सा वार्ड से सटी बिल्डिंग में कोरोना संक्रमितों के लिए आइसोलेशन वार्ड बने होने के चलते यहां मरीजों के बीच भय का माहौल है. लेकिन इसे लेकर अस्पताल प्रशासन अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है. देखिए ये रिपोर्ट...

ICU Ward Lat Bath, Corona threat in ICU ward, Banswara News
गंभीर रोगियों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा
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Published : Aug 11, 2020, 10:06 PM IST

बांसवाड़ा. महात्मा गांधी चिकित्सालय की गहन चिकित्सा इकाई पर भी इन दिनों कोरोना संक्रमण का साया मंडरा रहा है. जब से आईसीयू वार्ड से सटी बिल्डिंग में कोरोना रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड खोला गया है, ICU के रोगी टेंशन में चल रहे हैं. कारण यह है कि दोनों वार्ड के बीच न केवल स्टाफ के आने जाने का क्रम बना रहता है, बल्कि दोनों ही वार्ड के मरीजों और स्टाफ के लिए कॉमन लैट-बाथ है.

गंभीर रोगियों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

गहन चिकित्सा इकाई के मरीज हो या फिर कोरोना संक्रमित रोगी, दोनों एक ही लैट-बाथ का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों पर संक्रमण का खतरा बना रहता है. जब से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड गहन चिकित्सा इकाई से सटी हुई बिल्डिंग में खोला गया है. आईसीयू में आने वाले रोगियों की संख्या एक चौथाई भी नहीं रही.

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आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल इस वार्ड में चार बेड हैं. लेकिन आइसोलेशन वार्ड के कारण रोगी यहां भर्ती होने से कतरा रहे हैं. पूर्व में यहां 2 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में डर के मारे लोग अपने परिजनों को यहां लाने की बजाय रेफर करवा रहे हैं. बेहद इमरजेंसी होने पर ही आईसीयू में मरीज पहुंच रहे हैं.

चिकित्सा सूत्रों से पता चला है कि आईसीयू में दस बेड हैं, जिनमें से 6 आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए. दोनों वार्ड के लोगों द्वारा कॉमन लैट-बाथ का इस्तेमाल करने पर भी अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. वहीं, ICU रोगियों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है. जिसे लेकर मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों में भी खासा रोष देखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- राजस्थान में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, संक्रमितों का आंकड़ा 54 हजार के पार...अब तक 810 मौतें

आईसीयू में भर्ती अपने पिता की देखरेख कर रहे सतीश भंडारी का कहना था कि अचानक किसी रोगी के सीरियस होने पर ICU के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लेकिन यहां तो कोरोना से संक्रमित लोगों के साथ एक बाथरूम शेयर करना होता है. इस कारण सामान्य रोगियों पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है.

दोनों ही वार्डों के कर्मचारी भी एक दूसरे वार्ड में घूमते रहते हैं. इतनी बड़ी बिल्डिंग है तो आइसोलेशन वार्ड को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है. ईटीवी भारत ने इस संबंध में चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल भाटी से संपर्क किया, तो उन्होंने माना कि फिलहाल दोनों वार्डों का कॉमन लैट-बाथ है. बीच में छुट्टियों के कारण हम इसे किसी अन्य जगह शिफ्ट नहीं कर पाए. लेकिन हमारे पास संसाधन आ चुके हैं और इसे जीरियाटिक वार्ड में ICU की सुविधा जल्द उपलब्ध हो जाएगी, जिसके लिए काम चल रहा है.

बांसवाड़ा. महात्मा गांधी चिकित्सालय की गहन चिकित्सा इकाई पर भी इन दिनों कोरोना संक्रमण का साया मंडरा रहा है. जब से आईसीयू वार्ड से सटी बिल्डिंग में कोरोना रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड खोला गया है, ICU के रोगी टेंशन में चल रहे हैं. कारण यह है कि दोनों वार्ड के बीच न केवल स्टाफ के आने जाने का क्रम बना रहता है, बल्कि दोनों ही वार्ड के मरीजों और स्टाफ के लिए कॉमन लैट-बाथ है.

गंभीर रोगियों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

गहन चिकित्सा इकाई के मरीज हो या फिर कोरोना संक्रमित रोगी, दोनों एक ही लैट-बाथ का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में मरीजों और उनके परिजनों पर संक्रमण का खतरा बना रहता है. जब से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड गहन चिकित्सा इकाई से सटी हुई बिल्डिंग में खोला गया है. आईसीयू में आने वाले रोगियों की संख्या एक चौथाई भी नहीं रही.

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आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल इस वार्ड में चार बेड हैं. लेकिन आइसोलेशन वार्ड के कारण रोगी यहां भर्ती होने से कतरा रहे हैं. पूर्व में यहां 2 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में डर के मारे लोग अपने परिजनों को यहां लाने की बजाय रेफर करवा रहे हैं. बेहद इमरजेंसी होने पर ही आईसीयू में मरीज पहुंच रहे हैं.

चिकित्सा सूत्रों से पता चला है कि आईसीयू में दस बेड हैं, जिनमें से 6 आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए. दोनों वार्ड के लोगों द्वारा कॉमन लैट-बाथ का इस्तेमाल करने पर भी अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है. वहीं, ICU रोगियों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है. जिसे लेकर मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों में भी खासा रोष देखा जा सकता है.

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आईसीयू में भर्ती अपने पिता की देखरेख कर रहे सतीश भंडारी का कहना था कि अचानक किसी रोगी के सीरियस होने पर ICU के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लेकिन यहां तो कोरोना से संक्रमित लोगों के साथ एक बाथरूम शेयर करना होता है. इस कारण सामान्य रोगियों पर भी कोरोना का साया मंडरा रहा है.

दोनों ही वार्डों के कर्मचारी भी एक दूसरे वार्ड में घूमते रहते हैं. इतनी बड़ी बिल्डिंग है तो आइसोलेशन वार्ड को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है. ईटीवी भारत ने इस संबंध में चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल भाटी से संपर्क किया, तो उन्होंने माना कि फिलहाल दोनों वार्डों का कॉमन लैट-बाथ है. बीच में छुट्टियों के कारण हम इसे किसी अन्य जगह शिफ्ट नहीं कर पाए. लेकिन हमारे पास संसाधन आ चुके हैं और इसे जीरियाटिक वार्ड में ICU की सुविधा जल्द उपलब्ध हो जाएगी, जिसके लिए काम चल रहा है.

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