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बांसवाड़ाः भूंगड़ा गांव में 129 वर्षों से हो रहा चौपड़ा वाचन, सूनने उमड़ा हुजूम - Ghatol MLA Harendra Ninama

बांसवाड़ा के भूंगड़ा गांव में हर साल की तरह 14 जनवरी को भी पांड्या परिवार की ओर से कथा के बाद चाैपड़ा वाचन किया गया. जिसमें गांव के आस- पास के सभी ग्रामीण मौजूद रहे. इस गांंव में 129 सालों से पांड्या परिवार की ओर से ये वाचन किया जा रहा है.

बांसवाड़ा की खबर, Ghatol MLA Harendra Ninama
भूंगड़ा गांव में चौपड़ा वाचन किया गया
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Published : Jan 14, 2020, 5:55 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के भूंगड़ा गांव में मंगलवार को परंपरागत रूप से चौपड़ा का वाचन किया गया. यहां करीब 129 साल से पांड्या परिवार की ओर से कथा के बाद चौपड़े का वाचन कर आगामी मानसून का अनुमान लगाया जाता है. इसे सुनने के लिए आस-पास ही नहीं बल्कि दूरदराज से भी हजारों लोग यहां पहुंचते हैं.

पढ़ें- बांसवाड़ा: जलकुंभी जीम गई नगर परिषद के लाखों रुपए, 3 साल में 35 लाख खर्च

कथा वाचन के दौरान पूरा मैदान लोगों से भर गया. वहीं, आस-पास के खेतों में बैठकर लोगों ने न केवल कथा सुनी बल्कि बेसब्री से अगले जमाने को लेकर होने वाली भविष्यवाणी का इंतजार करते नजर आए. दोपहर बाद पांड्या ने चौपड़े के अनुसार अगले जमाने को लेकर आसार बताने शुरू किए. पंचांग के आधार पर तैयार किए गए इन अनुमानों के अनुसार अगले मानसून में खंड वर्षा के आसार जताए गए हैं. इस आधार पर खरीफ की फसल का उत्पादन कम होने की आशंका जताई गई है.

भूंगड़ा गांव में चौपड़ा वाचन किया गया

साथ ही प्राकृतिक प्रकोप से भी लोगों को सावधान रहने को कहा गया. खासकर रेगिस्तानी इलाकों में ठंड सहित प्राकृतिक प्रकोप ज्यादा रहने की आशंका जताई गई है. इसके साथ ही पांड्या ने सभी राशियों के बारे में भी अपनी भविष्यवाणी करते हुए लोगों से उसी के अनुसार धर्म-कर्म करने का आह्वान किया.

पढ़ें- हार्डकोर अपराधी फिरोज मेवाती बांसवाड़ा से गिरफ्तार, 10 लाख फिरौती मामले में पुलिस को थी तलाश

पांड्या के अनुसार इस गांव में करीब 129 साल से उनका परिवार चौपड़ा वाचन कर रहा है. लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ यहां पहुंचते हैं. जहां तक अगले वर्ष का सवाल है तो मानसून में खंड वर्षा के आसार है और उत्पादन कम होने की आशंका है.

बांसवाड़ा. जिले के भूंगड़ा गांव में मंगलवार को परंपरागत रूप से चौपड़ा का वाचन किया गया. यहां करीब 129 साल से पांड्या परिवार की ओर से कथा के बाद चौपड़े का वाचन कर आगामी मानसून का अनुमान लगाया जाता है. इसे सुनने के लिए आस-पास ही नहीं बल्कि दूरदराज से भी हजारों लोग यहां पहुंचते हैं.

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कथा वाचन के दौरान पूरा मैदान लोगों से भर गया. वहीं, आस-पास के खेतों में बैठकर लोगों ने न केवल कथा सुनी बल्कि बेसब्री से अगले जमाने को लेकर होने वाली भविष्यवाणी का इंतजार करते नजर आए. दोपहर बाद पांड्या ने चौपड़े के अनुसार अगले जमाने को लेकर आसार बताने शुरू किए. पंचांग के आधार पर तैयार किए गए इन अनुमानों के अनुसार अगले मानसून में खंड वर्षा के आसार जताए गए हैं. इस आधार पर खरीफ की फसल का उत्पादन कम होने की आशंका जताई गई है.

भूंगड़ा गांव में चौपड़ा वाचन किया गया

साथ ही प्राकृतिक प्रकोप से भी लोगों को सावधान रहने को कहा गया. खासकर रेगिस्तानी इलाकों में ठंड सहित प्राकृतिक प्रकोप ज्यादा रहने की आशंका जताई गई है. इसके साथ ही पांड्या ने सभी राशियों के बारे में भी अपनी भविष्यवाणी करते हुए लोगों से उसी के अनुसार धर्म-कर्म करने का आह्वान किया.

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पांड्या के अनुसार इस गांव में करीब 129 साल से उनका परिवार चौपड़ा वाचन कर रहा है. लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ यहां पहुंचते हैं. जहां तक अगले वर्ष का सवाल है तो मानसून में खंड वर्षा के आसार है और उत्पादन कम होने की आशंका है.

Intro:बांसवाड़ा। भूंगडा गांव में मंगलवार को परंपरागत रूप से चोपड़ा का वाचन किया गया। यहां करीब 129 साल से पांड्या परिवार द्वारा कथा के बाद चोपड़े का वाचन कर आगामी मानसून का अनुमान लगाया जाता है। इसे सुनने के लिए आसपास ही नहीं दूरदराज से भी हजारों लोग पहुंचे।


Body:गांव के मैदान में परंपरागत तौर पर 14 जनवरी को पांड्या परिवार द्वारा चोपड़ा वाचन किया जाता है। मंगलवार को दक्षेस पांड्या ने हर वर्ष की भांति कथा के बाद चोपड़ा वाचन किया और अगले जमाने के बारे में अनुमान व्यक्त किया। कथा वाचन के दौरान पूरा मैदान लोगों से खचाखच भर गया वहीं आसपास के खेतों में बैठकर लोगों ने ना केवल कथा सुनी बल्कि बेसब्री से अगले जमाने को लेकर होने वाली भविष्यवाणी का इंतजार करते नजर आए। दोपहर बाद पांड्या ने चोपड़े के अनुसार अगले जमाने को लेकर आसार बताने शुरू किए। पंचांग के आधार पर तैयार किए गए इन अनुमानों के अनुसार अगले मानसून में खंड वर्षा के आसार जताए गए हैं। इस आधार पर खरीफ की फसल का उत्पादन कम होने की आशंका जताई गई है।


Conclusion:साथ ही प्राकृतिक प्रकोप से भी लोगों को सावधान रहने को कहा गया। खासकर रेगिस्तानी इलाकों में ठंड सहित प्राकृतिक प्रकोप ज्यादा रहने की आशंका जताई गई है। इसके साथ ही पांड्या ने सभी राशियों के बारे में भी अपनी भविष्यवाणी करते हुए लोगों से उसी के अनुसार धर्म-कर्म करने का आह्वान किया। आपको बता दें कि चोपड़ा वाचन को सुनने के लिए गुजरात और मध्य प्रदेश के निकटवर्ती इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस दिन इस गांव में हजारों लोग आते हैं। इससे पूर्व पांड्या को शाखा बंदा कर हर वर्ष की भांति चबूतरे पर बैठाया गया। इस बार उनके परिवार के लोग भी उनके साथ थे। घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा सहित कई जनप्रतिनिधि और राजनेता भी चोपड़ा वाचन सुनने पहुंचे। पांड्या के अनुसार इस गांव में करीब 129 साल से उनका परिवार चोपड़ा वाचन कर रहा है। लोग बड़ी श्रद्धा व आस्था के साथ यहां पहुंचते हैं। जहां तक अगले वर्ष का सवाल है तो मानसून में खंड वर्षा के आसार है और उत्पादन कम होने की आशंका है।

बाइट....... दक्षेश पांड्या चोपड़ा वाचक
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