बांसवाड़ा. राजस्थान परिवहन निगम ने 31 अक्टूबर को प्लेसमेंट कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त होने के साथ ही संविदा चालकों को हटा दिया है. बता दें कि अकेले बांसवाड़ा डिपो से ही 17 संविदा चालकों को हटाया गया था.
वहीं इसकी भरपाई के लिए चित्तौड़गढ़ डिपो से 10 चालकों को प्रतिनियुक्ति पर बांसवाड़ा भेजा गया, लेकिन 5 दिन बाद भी चालकों ने कामकाज नहीं संभाला. इसका नतीजा यह निकला कि स्थानीय डिपो को अपनी 5 बसों का संचालन बंद करना पड़ा. चित्तौड़गढ़ से केवल एक चालक ही बांसवाड़ा पहुंचा. जानकारी के अनुसार बांसवाड़ा से कुशलगढ़ कासारवाड़ी, बांसवाड़ा से अहमदाबाद और अजमेर के लिए संचालित चार बसों को बंद करना पड़ गया.
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बता दें कि अनुबंधित बांसवाड़ा से डूंगरपुर दो ट्रिप, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के लिए संचालित बस भी फिलहाल बंद है. इस प्रकार बांसवाड़ा डिपो से सात बसों का संचालन फिलहाल बंद पड़ा है. इससे न केवल रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ रहा है, बल्कि इन मार्गों पर बसे गांव के लोगों के समक्ष अन्यत्र आने जाने की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं लंबी दूरी पर जाने वाले लोगों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. बता दें कि जिन-जिन रूट पर बसों का संचालन बंद हुआ है, वहा वाहनों का अवैध संचालन शुरू हो गया है.
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वहीं बांसवाड़ा रोडवेज डिपो के चीफ मैनेजर रवि कुमार मेहरा के अनुसार चित्तौड़गढ़ से भेजे गए 10 में से नौ चालक अब तक नहीं पहुंचे हैं. इसके चलते हमें 5 से लेकर 7 बसों का संचालन बंद करना पड़ा है. फिलहाल हमने जोनल ऑफिस को इसकी सूचना भेज दी है.