बांसवाड़ा. जिले में अब तक कुल 92 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है. वहीं सोमवार तक दो पॉजिटिव केस थे. दो का महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचार चल रहा था. उनके फिर से सैंपल भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंची. दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आने के साथ ही यहां का रिकवरी रेट 100 प्रतिशत तक पहुंच गया. इसके बाद रिकवरी रेट में चित्तौड़गढ़ दूसरे पायदान पर है. जहां 95.58 रोगी स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.
वहीं 93.54 प्रतिशत के साथ बारां तीसरे स्थान पर है. पड़ोसी जिला प्रतापगढ़ 92.85 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर तो प्रदेश में रिकवरी रेट के मामले में धौलपुर 16.26 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने महात्मा गांधी चिकित्सालय में लैब के सैंपलिंग इंचार्ज डॉ. समीर खान से बातचीत की तो रिकवरी रेट के पीछे और भी कई तथ्य उभर कर आए.
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डॉ. खान ने बताया कि बांसवाड़ा में अब तक कुल 92 रोगी सामने आए थे, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है. वहीं 90 में से 88 रोगी स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. गत सप्ताह जो दो नए रोगी आए थे, उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है और वे क्वॉरेंटाइन में चल रहे हैं. इस प्रकार हमारी रिकवरी रेट शत प्रतिशत तक पहुंच गई है. इसके पीछे उन्होंने जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग के साथ-साथ यहां के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यून सिस्टम को बताया.
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उनका कहना है कि बांसवाड़ा के लोगों का इम्यून सिस्टम प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले बेहतर कहा जा सकता है. यहां तक कि 90 प्रतिशत पॉजिटिव लोगों में कोरोना के लक्षण तक नजर नहीं आया और चार से पांच दिन में निगेटिव हो गए. इससे साबित होता है कि यहां के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर है.
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लैब प्रभारी ने बताया कि भीड़-भाड़ बढ़ने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा और भी बढ़ जाता है. ऐसे में हमें एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने के साथ मॉस्क के इस्तेमाल को प्राथमिकता देनी होगी. ऑर्डिनरी थ्री लेयर मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है और सैनिटाइजर के स्थान पर किसी भी साबुन से 20 सेकेंड तक अपने हाथ धोकर संक्रमण से बचा जा सकता है.