बांसवाड़ा. कोतवाली पुलिस ने फर्जी अंकतालिका प्रकरण में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 15 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है. जिन्होंने 12वीं की फर्जी अंकतालिका के आधार पर नर्सिंग कोर्स के लिए प्रवेश लिया था. गिरफ्तार आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे कोर्ट में पेश किया जहां सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई और सभी को जेल भेजने के आदेश दिए.
राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय और चिकित्सा विभाग की ओर से वर्ष 2019 में 4 अक्टूबर को एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. तत्कालीन पीएमओ डॉ एन एल चरपोटा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मंगलवार को जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उसमें 8 महिलाएं और 7 पुरुष शामिल हैं. मूल रूप से चिकित्सा विभाग ने पहले दो लोगों की अंक तालिका फर्जी मानकर रिपोर्ट भेजी थी.
जैसे-जैसे इस मामले में नाम सामने आते गए एमजी अस्पताल प्रशासन कोतवाली को भेजता रहा. मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें एक-दो को छोड़कर सभी एक ही थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. हालांकि अभी पुलिस की ओर से कोई सरगना हाथ नहीं लगा है जिसने इनकी फर्जी मार्कशीट बनाई है.
यह था पूरा मामला
शहर के महात्मा गांधी चिकित्सालय में संचालित जीएनएम ट्रेनिंग सेेंटर में अध्ययनरत 33 प्रशिक्षुओं के भविष्य पर तलवार प्रवेश लेने के कुछ दिन बाद ही लटक गई थी. इन प्रशिक्षुओं की ओर से पेश बारहवीं की अंकतालिकाओं के सत्यापन के दौरान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) ने अपने यहां इनका किसी तरह का रिकार्ड ही न होने की जानकारी दी है. इस पर सेंटर ने अंकतालिकाएं फर्जी मानते हुए प्रशिक्षुओं की सूची निदेशालय भेजी थी. रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश मिले थे.