बांसवाड़ा. वर्ष 2020 के पहले ही सप्ताह में एंटी करप्शन ब्यूरो बांसवाड़ा को बड़ी सफलता हाथ लगी. ब्यूरो टीम ने साफ सफाई कार्य संबंधी प्रमाण पत्र बनाने के एवज में प्राथमिक चिकित्सालय प्रभारी को ₹9000 की रिश्वत राशि लेते टेक्नीशियन समेत दबोच लिया. डॉक्टर के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की गई.
ब्यूरो के बांसवाड़ा यूनिट प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधव सिंह सोढा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. भाजपा के जिला महामंत्री पूंजीलाल लाल गायरी ने 3 जनवरी को ब्यूरो कार्यालय में शिकायत की थी. शिकायत के अनुसार आदर्श प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बस्सी आडा घाटोल द्वारा सितंबर और अक्टूबर 2019 के सफाई कार्य को प्रमाणित करने के लिए चिकित्सा केंद्र प्रभारी डॉ जसवंत मेघवाल प्रतिमाह साढे ₹4000 के हिसाब से 2 माह के ₹9000 की रिश्वत मांगी जा रही है.
शिकायत के साथ सत्यापन
गायरी की शिकायत पर ब्यूरो प्रभारी सोढा हरकत में आ गए और 3 जनवरी को ही इसका सत्यापन कराया. डॉक्टर मेघवाल ने दोनों ही महीनों के कामकाज को सत्यापित करने के नाम पर ना केवल ₹9000 बल्कि अक्टूबर 2019 में मजदूरों द्वारा कराए गए कामकाज के बदले ₹12000 अतिरिक्त देने की भी मांग रखी.
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रिश्वत की राशि आज देना तय किया गया. उसी के तहत सोढा सिपाही राजकुमार, गणेश दबाना, रतन सिंह जितेंद्र सिंह झाला और राजेश कुमार बस्सी आडा पहुंच गए. ब्यूरो टीम ने वहां पर अपना जाल फैलाया और गायरी को रिश्वत के साथ डॉक्टर मेघवाल ने अपने क्वार्टर पर बुला लिया. वहां डॉक्टर मेघवाल ने अपने लैब टेक्नीशियन दिनेश चंद्र मीणा को बुलाया और रिश्वत की राशि उसे देने को कहा.
चिकित्सक और लैब टेक्नीशियन गिरफ्तार
जैसे ही दिनेश चंद्र ने रिश्वत की राशि धामी घात लगाकर बैठी एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने डॉक्टर मेघवाल सहित लैब टेक्नीशियन को दबोच लिया. दिनेश चंद्र के कब्जे से रिश्वत राशि के अलावा मजदूरों को दिए जाने वाले ₹12000 की राशि भी बरामद कर ली गई. अचानक इस कार्रवाई से डॉक्टर मेघवाल और लैब टेक्नीशियन भी हतप्रभ रह गए. ब्यूरो टीम आवश्यक कार्रवाई के बाद दोनों ही आरोपियों को लेकर बांसवाड़ा स्थित कार्यालय पहुंची.
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एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के अनुसार डॉक्टर मेघवाल ठेकेदार पूंजी लाल गायरी से हॉस्पिटल की सफाई कार्य को प्रमाणित करने की आड में ₹9000 की रिश्वत मांग रहा था. जैसे ही गायरी डॉक्टर मेघवाल के क्वार्टर पर रिश्वत की राशि देने गया उसने वहां लैब टेक्नीशियन दिनेश चंद्र को बुला लिया और राशि उसे देने को कहा. जैसे ही दिनेश चंद्र को राशि थमाई गई टीम द्वारा डॉक्टर और दिनेश चंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया.