बांसवाड़ा. जिले में कोरोना को लेकर हालात दिनों दिन बदतर होते जा रहे हैं. पिछले 10 दिन में रोगियों की रफ्तार दो से 3 गुना हो चुकी है और रोगियों की संख्या लगभग 900 तक पहुंच गई है. खासकर शहर का आधा इलाका कंटेनमेंट जोन में तब्दील हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है.
महात्मा गांधी चिकित्सालय की कोरोना जांच लैब ने 539 संदिग्ध रोगियों की रिपोर्ट जारी की, जिनमें से 42 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. नमूनों के मुकाबले रोगियों की संख्या कम होने पर विभाग ने थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट ने अधिकारियों को फिर से टेंशन में ला दिया. वहां से आई रिपोर्ट में 32 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई. इस प्रकार एक ही दिन में 75 रोगी सामने आए. सबसे चिंता की बात यह है कि यह वायरस शहर की सुरक्षा की कमान संभाल रहे एमबीसी अर्थात 'मेवाड़ भील कोर' तक पहुंच गया. एमबीसी गारिया के 18 जवान पॉजिटिव पाए गए हैं.
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इसे लेकर एमपीसी के साथ पुलिस विभाग में भी खलबली मची है, क्योंकि एमबीसी जवानों का अपने स्टाफ के साथ पुलिस विभाग से भी संपर्क बना रहता है. इसे लेकर दोनों ही विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों में खौफ साफ नजर आ है. वहीं, शहर के नई आबादी क्षेत्र से एक दंपती ने कुवैत जाने से पहले जांच कराई तो दोनों ही पॉजिटिव पाए गए हैं. मुस्लिम कॉलोनी के एक युवक और बुजुर्ग के रैंडम सैंपल लिए गए थे. दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
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एक पार्षद भी संक्रमित पाए गए. हाल ही में पदोन्नत एक एएसआई की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा है, क्योंकि वो किशनगढ़ में ट्रेनिंग ले रहा है और कुछ दिनों के लिए घर आया था. सैंपल देने के बाद एएसआई किशनगढ़ लौट गया. विभाग ने किशनगढ़ ट्रेनिंग सेंटर पर भी इसकी जानकारी दी है.
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. दीपक निनामा के अनुसार सरवानिया गांव का एक युवक पिछले दिनों पॉजिटिव आया था. नेगेटिव आने के बाद उसकी हालत फिर बिगड़ गई और रविवार को उसे उदयपुर रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इसके साथ ही अब तक जिले में 16 लोगों की मौत हो चुकी है.