अलवर. बाघों की मौत के चलते हमेशा विवादों में रहने वाले अलवर के सरिस्का को जल्द ही युवा मेल बाघ मिल सकता है. दरअसल सरिस्का के सभी बाघ उम्र दराज हो चुके हैं. ऐसे में वो कुनबा बढ़ाने में समर्थ नहीं है, इसलिए प्रशासन की तरफ से सरिस्का में जल्द ही मेल बाघ शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है.
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का का जंगल बाघों के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है. देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सरिस्का ने अपनी अलग पहचान बनाई है, लेकिन लंबे समय से बाघों की मौत के चलते सरिस्का हमेशा विवादों में भी रहा है.
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हालांकि सरकार और प्रशासन की तरफ से सरिस्का की छवि सुधारने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. कुछ दिनों पहले रणथंभौर से एक बाघ सरिस्का में शिफ्ट किया गया था. लेकिन ट्यूमर होने के चलते बाघ की मौत हो गई. वहीं बीते साल सरिस्का में चार बाघ की मौत हुई और 2019 में अब तक एक बाघ की मौत हो चुकी है.
ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से बाघों को बचाने के लिए सरिस्का में जल्द ही एक युवा मेल बाग शिफ्ट करने की योजना चल रही है. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया की उच्च स्तर पर बाघ शिफ्ट करने पर काम चल रहा है. बाघ का चयन होते ही जल्द ही मां को सरिस्का में शिफ्ट किया जाएगा. इससे सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ सकेगा.
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सरिस्का के डीएफओ सेडूराम यादव ने बताया कि उच्च स्तर पर मेल बाघ शिफ्ट करने की योजना चल रही है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं. जल्द ही सरिस्का को मेल बाघ मिल सकता है. उनका साफ तौर पर कहना था कि सरिस्का के जंगलों में अवैध खनन नहीं हो रहा है, लेकिन सरिस्का के आसपास खनन विभाग द्वारा जारी पत्तों में खनन प्रक्रिया जारी है. कुछ दिनों पहले वन विभाग के अधिकारियों को अवस्थी के उपाय खनन विभाग को एक पत्र भी लिखा था, लेकिन उन सब का खंडन करते हुए सरिस्का के डीएफओ ने कहा कि इस क्षेत्र में अवैध खनन नहीं हो रहा है.