अलवर. होटल में वन्यजीवों के शरीर के अंग की सूचना सरिस्का के अधिकारियों को मिली. जिसके बाद एक टीम होटल पहुंची. बताया जा रहा है कि जांच पड़ताल में सांभर के कुछ अवशेष होटल में मिले. इसके बाद संचालक को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. कोर्ट में पेशी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में उसे भेज दिया गया. सरिस्का शिकार के चलते पहले से ही बदनाम है. बाघ एसटी13 जनवरी 2022 से ही मिसिंग है. यही वजह है कि सरिस्का प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.
मुखबिर के इनपुट पर कार्रवाई- सरिस्का बाघ परियोजना के उपवन संरक्षक देवेन्द्र प्रताप जागावत ने बताया कि मुखबिर से मिले इनपुट के आधार पर एक्शन लिया गया. उसने बताया कि अकबरपुर कस्बे के पास एक होटल में वन्यजीव के अंग मिले हैं. उसके बाद वन विभाग की एक टीम होटल के लिए रवाना की गई. टीम ने होटल में दबिश देकर पड़ताल की. चैकिंग में सांभर के अंग बरामद हुए. जिन्हें कब्जे में लेकर जांच पड़ताल के लिए लैब भेजा गया.
होटल संचालक को गिरफ्तार करते हुए वन विभाग की धाराओं के अनुसार मामला दर्ज किया गया. डीएफओ ने बताया कि होटल संचालक को वन संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया गया. वहां से आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत अलग-अलग धाराएं लगाई जाती हैं.
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सरिस्का बदनाम!- सरिस्का पहले ही शिकार और शिकारियों को लेकर काफी बदनाम है. साल 2005 में रिजर्व बाघ विहीन हो गया था. सभी टाइगर्स को मार दिया गया था. इसके बाद रणथंभौर से बाघ एअरलिफ्ट कर सरिस्का लाए गए और बाघों का कुनबा बसाया गया . उसके बाद भी कई बार शिकार के मामले सामने आए हैं. कइयों को मार दिया गया है. सरिस्का का सबसे तगड़ा माना जाने वाला एसटी13 तो पिछले एक साल से गायब है. रिजर्व में बाघों के अलावा चीतल, सांभर, हिरण, जंगली सूअर के शिकार की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं.