अलवर. क्राइम पेट्रोल, गुलाल, पद्मावत और अपहरण जैसी फिल्म व सीरियल में काम कर चुके अभिनेता उज्जवल चोपड़ा ने अलवर में शॉर्ट फिल्म 'बताओ ना' की शूटिंग की. वहीं, शूटिंग के आखिरी दिन ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अभिनेता ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में स्वतंत्रता जरूरी है. रिसर्च के आधार पर अगर कोई अपनी बात रखना चाहता है तो उसे स्वतंत्रता होनी चाहिए. फिल्मों पर राजनीति सही नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ओटीटी प्लेटफार्म की लोकप्रियता और बढ़ने वाली है.
दअरसल, ओटीटी प्लेटफॉर्म मोबाइल पर उपलब्ध रहता है. लंबे समय तक आप उसको देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि फिल्मों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. जब तक स्वतंत्रता नहीं मिलेगी तब तक बेहतर फिल्में नहीं बन पाएगी. उज्जवल ने कहा कि फिल्म और सीरियल बनाने से पहले अगर उस पर रिसर्च बेहतर होती है तो फिर निश्चित ही फिल्म भी बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में जल्दबाजी व ज्यादा कमाने की चाहत में फूहड़ता परोसी जाने लगी है, जबकि साउथ की फिल्मों में ऐसा नहीं है. साउथ की फिल्मों में कंटेंट होता है. यही कारण है कि लोग उनकी फिल्मों को पसंद करते हैं.
उज्जवल का सफरः उज्जवल ने बताया कि उनका जन्म लुधियाना में हुआ. उसके बाद उनका परिवार हरियाणा में शिफ्ट हो गया. ऐसे में हरियाणा में ही उनकी पढ़ाई हुई और फिर अपने एक दोस्त के साथ वो मुंबई चले गए. उन्होंने बताया कि जब वो मुंबई गए तो उन्हें पता नहीं था कि उन्हें काम मिलेगा भी की नहीं, लेकिन उनके मुंबई पहुंचने के 10 दिन के भीतर ही उन्हें काम मिलने लगा. अब तक उज्जवल 500 से ज्यादा विज्ञापन में काम कर चुके हैं. साथ ही क्राइम पेट्रोल ने उनको लोकप्रियता दी.
साल 2014 से 2020 तक उन्होंने 200 सीरियल्स में काम किया. साथ ही पहली बार 'दाल में काला है' सीरियल में उनको रोल मिला. उसके बाद 'गुलाल' में किन्नर का रोल किया. वो पद्मावत ओटीटी प्लेटफॉर्म की अपहरण के अलावा कई कई बड़ी फिल्मों में काम कर चुके हैं. अलवर में शॉर्ट फिल्म 'बताओ ना' कि शूटिंग के लिए आए थे. यहां 4 दिनों तक शूटिंग की. वहीं, आखिरी दिन रविवार को शूटिंग के बाद रिलैक्स मूड में नजर आए.
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60 से 65 साल पहले ये कहानी लिखी गई थीः शॉर्ट फिल्म को लेकर उन्होंने कहा कि 60 से 65 साल पहले ये कहानी लिखी गई थी, लेकिन आज भी ये कहानी अपनी ओर खींचती है. उन्होंने कहा कि समय के साथ अब बदलाव होने लगा है. ओटीटी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता बढ़ने लगी है. 'बताओ ना' के प्रोड्यूसर फाल्गुन त्रिपाठी ने बताया कि अलवर में अलग-अलग जगहों पर 4 दिन तक शॉर्ट फिल्म की शूटिंग चली. यह कहानी कुछ अलग है. फिल्म को किस प्लेटफार्म पर लांच किया जाएगा. यह अभी निर्धारित नहीं हुआ है. इससे पहले भी अलवर में कई फिल्में बन चुकी हैं. अलवर की लोकेशन अच्छी है. एक्टर व डायरेक्टरों को यहां की लोकेशन पसंद आती है. यहां नेचुरल पहाड़, पानी और झील है, जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. फाल्गुन त्रिपाठी अलवर के ही रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि वो कई बड़े अभिनेताओं के साथ काम कर चुके हैं. उनकी कई डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म्स हिट हो चुकी हैं.