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पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है सरिस्का, खूब हो रही बाघ की साइटिंग

सरिस्का पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है. यहां आने वाले सभी पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. प्रतिदिन दो से तीन बाघ पर्यटकों को नजर आ रहे हैं. नजदीक से बाघों को देखकर पर्यटक खुश हैं.

Tiger Sighting at Sariska
Tiger Sighting at Sariska
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Published : May 11, 2023, 9:55 AM IST

सरिस्का में खूब हो रही बाघ की साइटिंग

अलवर. अक्सर देखा जाता है कि गर्मियों के दिनों में सरिस्का आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. गर्मी के मौसम में बाघों की कम साइटिंग होती है. अरावली की वादियां होने के कारण अलवर में आसपास क्षेत्र में गर्मी भी ज्यादा रहती है, लेकिन इस बार सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की साइटिंग से पर्यटकों की संख्या गर्मियों के दिनों में ज्यादा है. बुधवार सुबह जंगल सफारी के दौरान बाघिन st9 पर्यटकों को काफी नजदीक से दिखी और पानी के हौद के ऊपर से छलांग लगाते हुए निकल गई, तो 500 मीटर आगे ही युवा बाघ st21 भी पर्यटकों को नजर आया. एक साथ दो-दो टाइगर्स को देखकर पर्यटक काफी खुश नजर आए. पर्यटकों ने बाघों की फोटो ली और उनका वीडियो बनाया. एक साथ दो बाघों को देखकर पर्यटक खासे उत्साहित भी दिखाई दिए.

सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि अबकी बार गर्मियों में पर्यटक सरिस्का से निराश होकर नहीं जा रहे हैं. पर्यटकों को बाघों की साइटिंग लगातार हो रही है. यह सरिस्का के लिए अच्छा संकेत है. सरिस्का में इस समय 28 बाघ, बाघिन और शावक हैं. बाघों के कुनबे में लगातार इजाफा हो रहा है. हाल ही में दो बाघिन और एक बाघ रणथंभोर से सरिस्का में शिफ्ट किया गया. सरिस्का का जंगल घना होने के साथ ही खूबसूरत है. यहां बाघों और अन्य वन्य जीवों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था है. हाल ही में हुई बारिश के बाद सरिस्का के कुंड, तालाबों में पर्याप्त पानी जमा हो गया. इससे वन्यजीवों को राहत मिली है. अब उनको पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इसलिए बाघ खुला विचरण करते हैं. जो पर्यटकों को उनकी साइटिंग हो रही है.

सरिस्का प्रशासन की तरफ से कटवाई गई झाड़ियां : सरिस्का प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि उस समय पहले सरिस्का के जंगल में होगी जंगली घास झाड़ियों को कटवाया गया. जिसके बाद बाघ की साइटिंग में बढ़ोतरी हुई है. क्योंकि यहां आने वाले पर्यटकों को आसानी से बाघ और अन्य वन्यजीव नजर आते हैं. झाड़ियां-घास होने के कारण वन्यजीव में छुप कर बैठे रहते थे. ऐसे में पर्यटकों को वन्यजीवों के दीदार नहीं हो पाते थे.

पढ़ें :Tourists increased in Sariska: छुट्टियों में सरिस्का रहा फुल, अधिकारियों ने कहा-बढ़ रही पॉपुलैरिटी

एनसीआर के नजदीक है सरिस्का : सरिस्का देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के बीच में स्थित है. एनसीआर का हिस्सा होने के कारण यहां लोगों को आने जाने में आसानी होती है. सड़क, रेल मार्ग से सीधा सरिस्का जुड़ा हुआ है. इसलिए शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों के मौके पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए सरिस्का आते हैं.

सरिस्का में खूब हो रही बाघ की साइटिंग

अलवर. अक्सर देखा जाता है कि गर्मियों के दिनों में सरिस्का आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. गर्मी के मौसम में बाघों की कम साइटिंग होती है. अरावली की वादियां होने के कारण अलवर में आसपास क्षेत्र में गर्मी भी ज्यादा रहती है, लेकिन इस बार सरिस्का में लगातार हो रही बाघों की साइटिंग से पर्यटकों की संख्या गर्मियों के दिनों में ज्यादा है. बुधवार सुबह जंगल सफारी के दौरान बाघिन st9 पर्यटकों को काफी नजदीक से दिखी और पानी के हौद के ऊपर से छलांग लगाते हुए निकल गई, तो 500 मीटर आगे ही युवा बाघ st21 भी पर्यटकों को नजर आया. एक साथ दो-दो टाइगर्स को देखकर पर्यटक काफी खुश नजर आए. पर्यटकों ने बाघों की फोटो ली और उनका वीडियो बनाया. एक साथ दो बाघों को देखकर पर्यटक खासे उत्साहित भी दिखाई दिए.

सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि अबकी बार गर्मियों में पर्यटक सरिस्का से निराश होकर नहीं जा रहे हैं. पर्यटकों को बाघों की साइटिंग लगातार हो रही है. यह सरिस्का के लिए अच्छा संकेत है. सरिस्का में इस समय 28 बाघ, बाघिन और शावक हैं. बाघों के कुनबे में लगातार इजाफा हो रहा है. हाल ही में दो बाघिन और एक बाघ रणथंभोर से सरिस्का में शिफ्ट किया गया. सरिस्का का जंगल घना होने के साथ ही खूबसूरत है. यहां बाघों और अन्य वन्य जीवों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था है. हाल ही में हुई बारिश के बाद सरिस्का के कुंड, तालाबों में पर्याप्त पानी जमा हो गया. इससे वन्यजीवों को राहत मिली है. अब उनको पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इसलिए बाघ खुला विचरण करते हैं. जो पर्यटकों को उनकी साइटिंग हो रही है.

सरिस्का प्रशासन की तरफ से कटवाई गई झाड़ियां : सरिस्का प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि उस समय पहले सरिस्का के जंगल में होगी जंगली घास झाड़ियों को कटवाया गया. जिसके बाद बाघ की साइटिंग में बढ़ोतरी हुई है. क्योंकि यहां आने वाले पर्यटकों को आसानी से बाघ और अन्य वन्यजीव नजर आते हैं. झाड़ियां-घास होने के कारण वन्यजीव में छुप कर बैठे रहते थे. ऐसे में पर्यटकों को वन्यजीवों के दीदार नहीं हो पाते थे.

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एनसीआर के नजदीक है सरिस्का : सरिस्का देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के बीच में स्थित है. एनसीआर का हिस्सा होने के कारण यहां लोगों को आने जाने में आसानी होती है. सड़क, रेल मार्ग से सीधा सरिस्का जुड़ा हुआ है. इसलिए शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों के मौके पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए सरिस्का आते हैं.

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