अलवर. आरआर कॉलेज खेल ग्राउंड में चल रही 12वीं ओपन राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में बुजुर्ग खिलाड़ियों का जोश देखने को मिला. जैसे ही बुजुर्ग खिलाड़ी मैदान में उतरे तो उनका जोश देखने लायक था. उम्रदराज खिलाड़ियों को देखकर दर्शक भी उत्साहित हुए.
बुजुर्ग खिलाड़ियों का कहना था, कि उनकी मैदान से दोस्ती है. खेल हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. हम लोग रोज सुबह-शाम मैदान में जाकर प्रैक्टिस करते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों की प्रतियोगिता में पैदल चाल और दौड़ में बड़ी संख्या में बुजुर्ग हिस्सा लेते हैं.
हरियाणा के खिलाड़ी जगत सिंह, उत्तर सिंह, देवी सिंह, हरदीप सिंह, सुंदर सिंह के साथ महाराष्ट्र की रेवती ने कहा, कि मैदान पर रोज जाकर प्रैक्टिस करना उनकी दिनचर्या है. इसके साथ ही सभी बुजुर्ग खिलाड़ी आपस में हंसी-मजाक करते हुए भी नजर आए.
उन्होंने खेल को तनाव से दूर रहने का सबसे बेहतर साधन बताया. उन्होंने संदेश देते हुए कहा, कि चाहें तो युवा भी इसी तरह से जिंदगी में खुश रह सकते हैं. तनाव मुक्त रहें और खेलों के माध्यम से देश का नाम रोशन करें.
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अलवर पहुंचे खिलाड़ियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा, कि जीवन में खेल बहुत जरूरी है. खेल तनाव दूर करने का काम करता है. आज के युवा और स्कूली बच्चे खेल से दूर भाग रहे हैं. इसलिए लगातार उनके जीवन में तनाव बढ़ रहा है. खेल से युवा देश का नाम रोशन करते हैं.