अलवर. दिवाली के मौके पर लोग जमकर खरीदारी करते हैं. मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों को भी राहत मिलने की उम्मीद है. दिवाली के मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं तो पटाखे भी फोड़ते हैं. इन सबके बीच एक ऐसा तबका भी है, जो त्यौहार मनाना तो चाहता है पर दो समय की रोजी रोटी के लिए भी परेशान हैं. हम बात कर रहे हैं अलवर के बाजारों में दुकान लगाने वाले नन्हे बच्चों की.
जहां लोग खरीदारी के लिए सुबह से शाम तक मार्केट में पहुंचने लगते हैं. ऐसे में बाजार में बड़ी संख्या में बच्चे भी काम कर रहे हैं. बच्चों ने बताया कि वो माता-पिता का सहयोग करने और लोगों को संदेश देने के लिए इस तरह के काम करते हैं. इन बच्चों के जीवन में दिवाली केवल पैसे कमाने का साधन है. इनकी मानें तो बिना काम किए दो वक्त का भोजन तक नहीं मिल पाता है.
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दिवाली के मौके पर दुकान लगाने वाले बच्चों ने बताया कि उनको मजबूरी में यह काम करना पड़ता है. अगर वो ईमानदारी से काम नहीं करें तो दो पल का भोजन भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में इन बच्चों के जीवन में दिवाली का कोई खास महत्व नहीं है. बच्चों ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई करते हैं. लेकिन उनको मजबूरी में यह काम करना पड़ता है. ऐसे में समाज को इनकी मदद के लिए आगे आने की आवश्यकता है.