अलवर. बानसूर सरपंच संघ अध्यक्ष सीट के लिए घमासान देखने को मिल रहा है. बानसूर सरपंच संघ अध्यक्ष पद पर दो-दो अध्यक्ष चुने गए हैं. गुरुवार को सरपंच रसनाली गैंदाराम बैंसला को सरपंच संघ अध्यक्ष बनाया गया था. जिसका कुछ सरपंचों ने विरोध किया और शुक्रवार को पंचायत समिति में विकास अधिकारी को अपना संघ अध्यक्ष पद का परफॉर्मा दिया. जिसमें 27 सरपंचों ने अपने लेटर पेड़ पर मय मोहर के साथ हस्ताक्षर कर सरपंच संघ अध्यक्ष के लिए विक्रम यादव पर सहमति जताई.
दरअसल, पंचायत समिति सभागार में गुरुवार शाम को गैंदाराम को सरपंच संघ का अध्यक्ष चुना गया था. जिसपर शुक्रवार को सरपंचों ने मनमानी करने का आरोप लगाते हुए बानसूर सरपंच संघ अध्यक्ष चुनने की बात कही. बानसूर में सरपंचों के दो गुट होने पर जनता में एक चर्चा का विषय बन गया है. वहीं, मौजूदा सरपंचों ने बताया कि गुरुवार को गैंदाराम ने हमारी मर्जी के बिना अपने आप हस्ताक्षर कर लिए गए और सरपंच संघ बन गए. उसका सरपंचों ने विरोध जताया और सरपंच विक्रम यादव को अपना सरपंच संघ अध्यक्ष चुना है.
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वहीं, सरपंच संघ अध्यक्ष चुनने के बाद सरपंचों ने संघ अध्यक्ष का साफा और माला पहनाकर सम्मान किया. लेकिन इस दौरान बानसूर विकास अधिकारी ने सभागार पहुंचकर सरपंचों को सभागार से बाहर निकाल दिया. साथ ही सभागार की लाइटों को बंद कर सभी दरवाजे भी बंद कर दिए. सरपंचों ने इसे अपना अपमान बताया है. इस अपमान से बौखलाए सरपंचों ने विकास अधिकारी के खिलाफ एकजुट होकर इस मामले को ऊपर तक ले जाने की बात कही है.