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अलवर निकाय चुनाव में बागियों ने बिगाड़ा बीजेपी और कांग्रेस का चुनावी गणित

निकाय चुनाव में कांग्रेस और भाजपा से बागी हुए प्रत्याशियों ने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ा दिया है. भाजपा 26 वार्डों में दूसरे स्थान पर रही है, तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी 18 वार्डों में दूसरे स्थान पर रहे हैं. अगर बागी चुनाव नहीं लड़ते तो समीकरण कुछ और हो सकता था.

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Published : Nov 20, 2019, 1:49 PM IST

अलवर. निकाय चुनाव में भाग्य ने अहम भूमिका निभाई है. पार्टी के नेताओं ने बागियों को चुनाव से पहले मनाने का प्रयास किया था, लेकिन वो सफल नहीं हो सके. भाजपा 26 वार्डों में दूसरे स्थान पर रही है, तो वही कांग्रेस 18 वार्ड में दूसरे स्थान पर रही है. इसी तरह से 19 वार्डों में निर्दलीय विद्वानों में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं.

बागियों ने बिगाड़ा भाजपा और कांग्रेस का चुनावी गणित

जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 16 में भाजपा से पूर्व पार्षद रहे गोविंद कुकरेजा को टिकट नहीं मिला था. इस पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसके चलते भाजपा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी आनंद बेनीवाल के जीत का समीकरण खराब हो गया. कुकरेजा ने भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मोहल्ले में लगभग 467 वोट हासिल किये हैं.

पढ़ेंः अलवर : जिले के तीनों निकायों में निर्दलीय प्रत्याशियों के हाथ में है बोर्ड बनाने की चाबी

इसी तरह से स्कीम नंबर 10 के पास वार्ड नंबर 6 में समीकरण देखने को मिला है. अशोका टाकीज के पास वार्ड नंबर 21 में भी इसी तरह के हालात मिले है. वार्ड नंबर 26 अखेपुरा मोहल्ला में भी बागियों के कारण पार्टी के नेताओं को खासी परेशानी उठानी पड़ी है. वार्ड नंबर 51 दाउदपुर में भी बागी ने प्रत्याशीयों का समीकरण बिगाड़ दिया है. इनके चलते प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ रहा है.

सबसे बड़ी और छोटी जीत

अलवर में सबसे बड़ी जीत वार्ड नंबर 48 से निर्दलीय चुनाव लड़े अजय पूनिया ने दर्ज कराई है. अजय पूनिया 1960 वोट से जीते है. वो लगातार चौथी बार इसी वार्ड से चुनाव जीत कर आए है. जबकि सबसे कम वोट से जीत वार्ड नंबर 46 से कांग्रेस की शशि कला ने दर्ज की है. शशि कला 3 वोटों से जीती है.

ज्यादा वोटर वाले वार्ड में निर्दलीय जीता

सर्वाधिक वोट वार्ड नंबर 55 में 5833 थे. इसमें निर्दलीय प्रत्याशी दुलीचंद सैन ने बाजी मारी है. यहां भाजपा दूसरे स्थान पर रही है. तो वहीं कांग्रेस पांचवें स्थान पर रही है. इस तरह से सबसे कम मतदाता वाले वार्डो की बात करें, तो उसमें भाजपा को जीत मिली है. वार्ड नंबर 64 में कुल 1898 मतदाता थे. इसमें भाजपा की प्रत्याशी अंजू ने कांग्रेस के प्रत्याशी अरुणा चौधरी को हराया है.

पढ़ेंः अलवर की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा: संजय शर्मा

8 प्रत्याशी 50 से भी कम वोट से जीते

अलवर के 8 प्रत्याशी ऐसे रहे जो 50 से कम मतों से जीते हैं. इनमें वार्ड नंबर 7 में भाजपा शीला को 35 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 17 में निर्दलीय अविनाश खंडेलवाल 32 वोट से जीते है. वार्ड नंबर 24 में भाजपा कि अंगूरी यादव 27 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 27 में भाजपा के सुरेश चंद्र 20 वोट से जीते है. वार्ड नंबर 43 में कांग्रेस की मिथिलेश शर्मा 21 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 46 में कांग्रेस की शशि कला 3 वोटों से जीती है. वार्ड नंबर 7 में भाजपा के डॉ अशोक पाठक 48 मतों से जीते है और वार्ड नंबर 64 में भाजपा की अंजू 36 मतों से जीती है.

अलवर. निकाय चुनाव में भाग्य ने अहम भूमिका निभाई है. पार्टी के नेताओं ने बागियों को चुनाव से पहले मनाने का प्रयास किया था, लेकिन वो सफल नहीं हो सके. भाजपा 26 वार्डों में दूसरे स्थान पर रही है, तो वही कांग्रेस 18 वार्ड में दूसरे स्थान पर रही है. इसी तरह से 19 वार्डों में निर्दलीय विद्वानों में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं.

बागियों ने बिगाड़ा भाजपा और कांग्रेस का चुनावी गणित

जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 16 में भाजपा से पूर्व पार्षद रहे गोविंद कुकरेजा को टिकट नहीं मिला था. इस पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसके चलते भाजपा से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी आनंद बेनीवाल के जीत का समीकरण खराब हो गया. कुकरेजा ने भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मोहल्ले में लगभग 467 वोट हासिल किये हैं.

पढ़ेंः अलवर : जिले के तीनों निकायों में निर्दलीय प्रत्याशियों के हाथ में है बोर्ड बनाने की चाबी

इसी तरह से स्कीम नंबर 10 के पास वार्ड नंबर 6 में समीकरण देखने को मिला है. अशोका टाकीज के पास वार्ड नंबर 21 में भी इसी तरह के हालात मिले है. वार्ड नंबर 26 अखेपुरा मोहल्ला में भी बागियों के कारण पार्टी के नेताओं को खासी परेशानी उठानी पड़ी है. वार्ड नंबर 51 दाउदपुर में भी बागी ने प्रत्याशीयों का समीकरण बिगाड़ दिया है. इनके चलते प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ रहा है.

सबसे बड़ी और छोटी जीत

अलवर में सबसे बड़ी जीत वार्ड नंबर 48 से निर्दलीय चुनाव लड़े अजय पूनिया ने दर्ज कराई है. अजय पूनिया 1960 वोट से जीते है. वो लगातार चौथी बार इसी वार्ड से चुनाव जीत कर आए है. जबकि सबसे कम वोट से जीत वार्ड नंबर 46 से कांग्रेस की शशि कला ने दर्ज की है. शशि कला 3 वोटों से जीती है.

ज्यादा वोटर वाले वार्ड में निर्दलीय जीता

सर्वाधिक वोट वार्ड नंबर 55 में 5833 थे. इसमें निर्दलीय प्रत्याशी दुलीचंद सैन ने बाजी मारी है. यहां भाजपा दूसरे स्थान पर रही है. तो वहीं कांग्रेस पांचवें स्थान पर रही है. इस तरह से सबसे कम मतदाता वाले वार्डो की बात करें, तो उसमें भाजपा को जीत मिली है. वार्ड नंबर 64 में कुल 1898 मतदाता थे. इसमें भाजपा की प्रत्याशी अंजू ने कांग्रेस के प्रत्याशी अरुणा चौधरी को हराया है.

पढ़ेंः अलवर की तीनों नगर निकायों में बीजेपी का बोर्ड बनेगा: संजय शर्मा

8 प्रत्याशी 50 से भी कम वोट से जीते

अलवर के 8 प्रत्याशी ऐसे रहे जो 50 से कम मतों से जीते हैं. इनमें वार्ड नंबर 7 में भाजपा शीला को 35 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 17 में निर्दलीय अविनाश खंडेलवाल 32 वोट से जीते है. वार्ड नंबर 24 में भाजपा कि अंगूरी यादव 27 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 27 में भाजपा के सुरेश चंद्र 20 वोट से जीते है. वार्ड नंबर 43 में कांग्रेस की मिथिलेश शर्मा 21 वोट से जीती है. वार्ड नंबर 46 में कांग्रेस की शशि कला 3 वोटों से जीती है. वार्ड नंबर 7 में भाजपा के डॉ अशोक पाठक 48 मतों से जीते है और वार्ड नंबर 64 में भाजपा की अंजू 36 मतों से जीती है.

Intro:अलवर
निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा से बागी हुए प्रत्याशियों ने दोनों ही पार्टियों का गणित बिगाड़ा है। भाजपा 26 वार्डों में दूसरे स्थान पर रही है। तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी 18 वार्डों में दूसरे स्थान पर रहे हैं। अगर बागी चुनाव नहीं लड़ते तो समीकरण कुछ और हो सकता था।


Body:निकाय चुनाव में भाग्य ने अहम भूमिका निभाई है। पार्टी के नेताओं ने बागियों को चुनाव से पहले मनाने का प्रयास किया। लेकिन वो सफल नहीं हो सके। भाजपा 26 वार्डों में दूसरे स्थान पर रही। तो वही कांग्रेस 18 वार्ड में दूसरे स्थान पर रही है। इसी तरह से 19 वार्डों में निर्दलीय विद्वानों में बसपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं। वार्ड नंबर 16 में भाजपा से पूर्व पार्षद रहे गोविंद कुकरेजा को टिकट नहीं मिला था। इस पर वो निर्दलीय चुनाव लड़े। इसके चलते भाजपा से चुनाव लड़े प्रत्याशी आनंद बेनीवाल के जीत के समीकरण खराब हो गए। कुकरेजा ने भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले मोहल्ले में लगभग 467 वोट हासिल किए। इसी तरह से स्कीम नंबर 10 के पास वार्ड नंबर 6 में समीकरण देखने को मिला। अशोका टाकीज के पास वार्ड नंबर 21 में भी इसी तरह के हालात मिले। वार्ड नंबर 26 अखेपुरा मोहल्ला में भी बागियों के कारण पार्टी के नेताओं को खासी परेशानी उठानी पड़ी। वार्ड नंबर 51 दाउदपुर में भी बागी ने प्रत्याशी का समीकरण बिगाड़ दिया। इनके चलते प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा।

सबसे बड़ी व छोटी जीत
अलवर में सबसे बड़ी जीत वार्ड नंबर 48 से निर्दलीय चुनाव लड़े अजय पूनिया ने दर्ज कराई है। अजय पूनिया 1960 वोट से जीते हैं। वो लगातार चौथी बार इसी वार्ड से चुनाव जीत कर आए हैं। जबकि सबसे कम वोट से जीत वार्ड नंबर 46 से कांग्रेस की शशि कला ने दर्ज की है। शशि कला 3 वोटों से जीती है।


Conclusion:ज्यादा वोटर वाले वार्ड में निर्दलीय जीता
सर्वाधिक वोट वार्ड नंबर 55 में 5833 थे। इसमें निर्दलीय प्रत्याशी दुलीचंद सैन ने बाजी मारी है। यहां भाजपा दूसरे स्थान पर रही। तो वहीं कांग्रेस पांचवें स्थान पर रही है। इस तरह से सबसे कम मतदाता वाले वार्डो की बात करें। तो उसमें भाजपा को जीत मिली है। वार्ड नंबर 64 में कुल 1898 मतदाता थे। इसमें भाजपा की प्रत्याशी अंजू ने कांग्रेस के प्रत्याशी अरुणा चौधरी को हराया है।

8 प्रत्याशी 50 से भी कम वोट से जीते
अलवर के 8 प्रत्याशी ऐसे रहे जो 50 से कम मतों से जीते हैं। इनमें वार्ड नंबर 7 में भाजपा शीला को 35 वोट से जीती है। वार्ड नंबर 17 में निर्दलीय अविनाश खंडेलवाल 32 वोट से जीते हैं। वार्ड नंबर 24 में भाजपा कि अंगूरी यादव 27 वोट से जीती है। वार्ड नंबर 27 में भाजपा के सुरेश चंद्र 20 वोट से जीते हैं। वार्ड नंबर 43 में कांग्रेस की मिथिलेश शर्मा 21 वोट से जीती है। वार्ड नंबर 46 में कांग्रेस की शशि कला 3 वोटों से जीती है। वार्ड नंबर 7 में भाजपा के डॉ अशोक पाठक 48 मतों से जीते हैं व वार्ड नंबर 64 में भाजपा की अंजू 36 मतों से जीती है।
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