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अलवरः 3 साल से भवन तैयार, ESIC और AIMS का इनकार, अब राज्य सरकार की मेडिकल कॉलेज शुरू करने की योजना - केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

अलवर में 36 एकड़ जमीन पर 800 करोड रुपए की लागत से बनकर तैयार ESIC मेडिकल कॉलेज भवन और 500 बेड के आधुनिक अस्पताल को चलाने के लिए AIMS और ESIC ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. ऐसे में एक बार फिर से प्रदेश सरकार इस भवन में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की योजना बनाई है.

medical institute in alwar
प्रदेश सरकार बनाएगी मेडिकल कॉलेज
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Published : Jan 25, 2020, 1:25 PM IST

अलवर. 800 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी. मेडिकल कॉलेज का भवन 3 साल से बनकर तैयार खड़ा है. क्योंकि भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ESIC ने इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया था. उसके बाद कई तरह के प्रयास भवन में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के किए गए, लेकिन सभी प्रयास विफल साबित हुए.

प्रदेश सरकार बनाएगी मेडिकल कॉलेज

कुछ समय पहले केंद्र सरकार के निर्देश पर इस भवन में AIMS शुरू करने की योजना बनी गई थी. लेकिन एम्स ने भी इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया था.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर एम्स नई दिल्ली की कमेटी ने अलवर के MIS में ESIC भवन और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, कि "भवन का मौजूदा बुनियादी ढांचा और सेटअप सबसे अच्छा है. क्योंकि इस जगह से 100 किलोमीटर के दायरे में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है. लेकिन एम्स के लिए यहां मेडिकल कॉलेज चलाना ना तो संभव है और ना ही व्यवहारिक है. अगर यह मेडिकल कॉलेज को केंद्र या राज्य सरकार शुरू करती है तो एम्स उन्हें मॉनिटरिंग में सहयोग कर सकता है".

पढ़ें. नेशनल गर्ल चाइल्ड डे विशेष: जन्म से दृष्टिहीन शालिनी चौधरी ने मेहनत के दम पर हासिल किया मुकाम

ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने इस भवन जिला अस्पताल से जोड़कर मेडिकल कॉलेज चलाने की तैयारी की है. लेकिन दोनों भवनों के बीच की दूरी 11 से 12 किलोमीटर है. जबकि भारतीय मेडिकल काउंसिल के नियम के हिसाब से ट्रेनिंग क्लास और हॉस्पिटल के बीच की दूरी 10 किलोमीटर होनी चाहिए.

एम्स के पीछे हटने के बाद अब राज्य सरकार फिर से सक्रिय होती नजर आ रही है. जिला अस्पताल में उपलब्ध संसाधन और मेडिकल कॉलेज से दूरी को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. ये रिपोर्ट चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य सरकार को भेज दी गई है. लेकिन नियमों में 1 किलोमीटर की दूरी को लेकर सरकार के स्तर पर मंथन चल रहा है.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई 2019 में अलवर में जेल की जमीन पर प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने अक्टूबर में अलवर समेत 10 मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी के साथ ही 325 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया था. लेकिन अबतक प्रदेश सरकार की सुस्ती से जेल परिसर में चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम आवंटित 4.5 हेक्टेयर जमीन की अबतक चारदीवारी तक नहीं हो सकी है.

अलवर. 800 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी. मेडिकल कॉलेज का भवन 3 साल से बनकर तैयार खड़ा है. क्योंकि भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ESIC ने इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया था. उसके बाद कई तरह के प्रयास भवन में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के किए गए, लेकिन सभी प्रयास विफल साबित हुए.

प्रदेश सरकार बनाएगी मेडिकल कॉलेज

कुछ समय पहले केंद्र सरकार के निर्देश पर इस भवन में AIMS शुरू करने की योजना बनी गई थी. लेकिन एम्स ने भी इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया था.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर एम्स नई दिल्ली की कमेटी ने अलवर के MIS में ESIC भवन और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, कि "भवन का मौजूदा बुनियादी ढांचा और सेटअप सबसे अच्छा है. क्योंकि इस जगह से 100 किलोमीटर के दायरे में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है. लेकिन एम्स के लिए यहां मेडिकल कॉलेज चलाना ना तो संभव है और ना ही व्यवहारिक है. अगर यह मेडिकल कॉलेज को केंद्र या राज्य सरकार शुरू करती है तो एम्स उन्हें मॉनिटरिंग में सहयोग कर सकता है".

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ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने इस भवन जिला अस्पताल से जोड़कर मेडिकल कॉलेज चलाने की तैयारी की है. लेकिन दोनों भवनों के बीच की दूरी 11 से 12 किलोमीटर है. जबकि भारतीय मेडिकल काउंसिल के नियम के हिसाब से ट्रेनिंग क्लास और हॉस्पिटल के बीच की दूरी 10 किलोमीटर होनी चाहिए.

एम्स के पीछे हटने के बाद अब राज्य सरकार फिर से सक्रिय होती नजर आ रही है. जिला अस्पताल में उपलब्ध संसाधन और मेडिकल कॉलेज से दूरी को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. ये रिपोर्ट चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य सरकार को भेज दी गई है. लेकिन नियमों में 1 किलोमीटर की दूरी को लेकर सरकार के स्तर पर मंथन चल रहा है.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई 2019 में अलवर में जेल की जमीन पर प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने अक्टूबर में अलवर समेत 10 मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी के साथ ही 325 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया था. लेकिन अबतक प्रदेश सरकार की सुस्ती से जेल परिसर में चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम आवंटित 4.5 हेक्टेयर जमीन की अबतक चारदीवारी तक नहीं हो सकी है.

Intro:अलवर
अलवर के एमआईए में 36 एकड़ जमीन पर 800 करोड रुपए की लागत से बनकर तैयार ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भवन व 500 बेड के आधुनिक अस्पताल को चलाने के लिए एम्स व ईएसआईसी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में एक बार फिर से प्रदेश सरकार इस भवन में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की योजना बनाई है।


Body:अलवर के एमआईए में सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस 800 करोड़ रुपए की लागत से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण कराया गया था। यह भवन 3 साल से बनकर तैयार है। भवन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ईएसआईसी ने इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया था। उसके बाद कई तरह के प्रयास भवन में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के किए गए। लेकिन सभी प्रयास विफल साबित हुए कुछ समय पहले केंद्र सरकार के निर्देश पर इस भवन में एम शुरू करने की योजना बनी थी। लेकिन एम्स द्वारा भी इसमें मेडिकल कॉलेज शुरू करने से मना कर दिया गया है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने फिर से जिला अस्पताल से जोड़कर इस भवन में मेडिकल कॉलेज चलाने की तैयारी की है। लेकिन दोनों भवनों के बीच की दूरी 11 से 12 किलोमीटर है। जबकि भारतीय मेडिकल काउंसिल के नियम के हिसाब से ट्रेनिंग क्लास वह हॉस्पिटल के बीच की दूरी 10 किलोमीटर होनी चाहिए।


Conclusion:केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर एम्स नई दिल्ली की कमेटी ने अलवर के एमआईएस में ईएसआईसी भवन व हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि भवन का मौजूदा बुनियादी ढांचा और सेटअप सबसे अच्छा है। क्योंकि इस जगह से 100 किलोमीटर के दायरे में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है। लेकिन एम्स के लिए यहां मेडिकल कॉलेज चलाना ना तो संभव है और ना ही व्यवहारिक है। अगर यह मेडिकल कॉलेज को केंद्र या राज्य सरकार शुरु करती है। तो एम्स उन्हें मॉनिटरिंग में सहयोग कर सकता है। एम्स के पीछे हटने के बाद अब राज्य सरकार फिर से सक्रिय होती नजर आ रही है। जिला अस्पताल में उपलब्ध संसाधन और मेडिकल कॉलेज से दूरी को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेज दी गई है। लेकिन नियमों में 1 किलोमीटर की दूरी को लेकर सरकार के स्तर पर मंथन चल रहा है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जुलाई 2019 में अलवर में जेल की जमीन पर प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने अक्टूबर में अलवर सहित 10 मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी के साथ ही 325 करोड रुपए का बजट भी स्वीकृत कर दिया था। लेकिन अब तक प्रदेश सरकार की सुस्ती से जेल परिसर में चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम आवंटित 4.5 हेक्टेयर जमीन की अब तक चारदीवारी तक नहीं हो सकी है।
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