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सरिस्का में बाघों की संदिग्ध मौतों से उठने लगे सवाल, पहले भी हो चुकी है टाइगर रिजर्व को बदनाम करने की साजिश

सरिस्का में पशुओं की संदिग्ध दशा में मौतें वन विभाग को चिंता में डाल रहा है. इसके साथ ही यहां पैंथरों की मौतों ने वन्य जीवों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. इन दिनों सरिस्का में कई बड़ी हस्तियां भ्रमण के लिए आ रही हैं लेकिन इस तरह की घटनाओं से सरिस्का प्रशासन भी परेशान है. संदेह यह भी जताया जा रहा है कि कहीं यह सरिस्का को बदनाम करने की साजिश तो नहीं. पढ़ें पूरी खबर.

Tigers suspicious deaths in sariska
Tigers suspicious deaths in sariska
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Published : Jan 22, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 10:12 PM IST

अलवर. अलवर वन मंडल अधीन वनखंड रूंध शाहपुर ग्राम पंचायत डहरा के अमृतवास गांव में एक बघेरा और पैंथर के दो शावकों के मृत मिलने के बाद सरिस्का पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. सरिस्का में एक ओर पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं पशुओं की संदिग्ध दशा में मौत अलवर वन विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल भी खड़े कर रही है. सरिस्का में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ फिल्मी सितारे, क्रिकेटर और अन्य वीआईपी भी सरिस्का भ्रमण के लिए आते रहते हैं.

सरिस्का में बीते डेढ साल में 4 बाघ और 3 शावकों की मौत का मामला सामने आया था. इसके अलावा साल 2007 में बाघ St1 की जहर देने से मौत हुई थी. इंदौक के समीप कालामेढ़ा गांव के पास भी तारबंदी में फंसकर दम घुटने से बाघ एसटी-11 की मौत हुई थी. लेकिन 2 साल के दौरान सरिस्का क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ा है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से पर्यटकों को भी निराशा होती है.

पढ़ें. सरिस्का में खेत पर लगी फेंसिंग में फंसा बघेरा, गई जान...मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम

प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए सरिस्का पहुंच रहे हैं. शनिवार, रविवार व अवकाश के दिन सरिस्का पूरी तरह से फुल रहता है. बीते कुछ दिनों के दौरान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी, सलमान खान की बहन, कई फिल्मी सितारे, टीवी एक्टर व अन्य जानी-मानी हस्तियां सरिस्का घूमने के लिए पहुंचे थे. सरिस्का फिर से अपने पुराने रंग में लौटे लगा. लेकिन अचानक अलवर के एक वन मंडल में जहर देकर एक पैंथर व उसके दो शावकों की मौत का मामला सामने आया. उसके बाद फिर से सरिस्का पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वन विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो यह सरिस्का को बदनाम करने की साजिश हो सकती है.

पहले भी जहर देकर हुई वन्यजीवों की मौत
सरिस्का में पहले भी जहर देकर वन्यजीवों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. बाघ st-1 की इसी तरह से जहर देकर मौत हुई थी. यह जांच अब तक अधूरी है. इसके अलावा पक्षियों को दाने में जहर देकर कई बार मौत के मामले सामने आ चुके हैं. शिकारी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. आज तक किसी भी मामले में वन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पढ़ें. Alwar Sariska Tiger Reserve: 3 शावकों का हुआ नामकरण, ST-12 के तीनों शावक मां से हो चुके हैं अलग

गांव का होना चाहिए विस्थापन
एनटीसीए की गाइड लाइन के मुताबिक सरिस्का से सभी गांवों का विस्थापन हो जाना चाहिए था. लेकिन सरकार और वन विभाग की लापरवाही के चलते अब तक गांवों का विस्थापन नहीं हो रहे हैं. सरिस्का क्षेत्र में कुल 32 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 6 गांव का विस्थापन हो चुका है. 26 गांव अब भी सरिस्का क्षेत्र में बसे हुए. जिनमें बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. इसके चलते लोगों की आवाजाही होती है और आए दिन शिकार के मामले सामने आते हैं.

पढ़ें. अलवर के सरिस्का में अब शाम की पारी में भी सफारी का आनंद ले सकेंगे पर्यटक

डेढ़ साल में हुई थी ज्यादा घटना
साल 2018 से सरिस्का में डेढ़ साल के दौरान तीन बाघों की मौत के मामले सामने आए. इनमें से 2 बाघों का शिकार किया गया. जबकि एक बाघ एसटी 4 आपसी लड़ाई में घायल होने के 27 दिन बाद मर गया. इसके अलावा बाघ एसटी11 की खेत में लगे फंदे में फसने से मौत हुई थी.

पैंथर व शावकों को जहर देने वाले गिरफ्तार
वन विभाग की टीम ने पैंथर व शावकों को जहर देने के मामले में अब तक 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. पैंथर की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी है. प्रथम दृष्टया पैंथर व शावकों की मौत का कारण जहर देना लगता है. सरिस्का व वन विभाग के अधिकारियों ने कहा की पैंथर व शावकों की मौत मामले का सरिस्का से कोई संबंध नहीं है. यह घटना शहर के पास अलवर वन मंडल में हुई है. वन विभाग की टीम घटना की जांच पड़ताल कर रही है.

अलवर. अलवर वन मंडल अधीन वनखंड रूंध शाहपुर ग्राम पंचायत डहरा के अमृतवास गांव में एक बघेरा और पैंथर के दो शावकों के मृत मिलने के बाद सरिस्का पर एक बार फिर से खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. सरिस्का में एक ओर पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं पशुओं की संदिग्ध दशा में मौत अलवर वन विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल भी खड़े कर रही है. सरिस्का में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ फिल्मी सितारे, क्रिकेटर और अन्य वीआईपी भी सरिस्का भ्रमण के लिए आते रहते हैं.

सरिस्का में बीते डेढ साल में 4 बाघ और 3 शावकों की मौत का मामला सामने आया था. इसके अलावा साल 2007 में बाघ St1 की जहर देने से मौत हुई थी. इंदौक के समीप कालामेढ़ा गांव के पास भी तारबंदी में फंसकर दम घुटने से बाघ एसटी-11 की मौत हुई थी. लेकिन 2 साल के दौरान सरिस्का क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ा है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से पर्यटकों को भी निराशा होती है.

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प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए सरिस्का पहुंच रहे हैं. शनिवार, रविवार व अवकाश के दिन सरिस्का पूरी तरह से फुल रहता है. बीते कुछ दिनों के दौरान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी, सलमान खान की बहन, कई फिल्मी सितारे, टीवी एक्टर व अन्य जानी-मानी हस्तियां सरिस्का घूमने के लिए पहुंचे थे. सरिस्का फिर से अपने पुराने रंग में लौटे लगा. लेकिन अचानक अलवर के एक वन मंडल में जहर देकर एक पैंथर व उसके दो शावकों की मौत का मामला सामने आया. उसके बाद फिर से सरिस्का पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वन विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो यह सरिस्का को बदनाम करने की साजिश हो सकती है.

पहले भी जहर देकर हुई वन्यजीवों की मौत
सरिस्का में पहले भी जहर देकर वन्यजीवों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. बाघ st-1 की इसी तरह से जहर देकर मौत हुई थी. यह जांच अब तक अधूरी है. इसके अलावा पक्षियों को दाने में जहर देकर कई बार मौत के मामले सामने आ चुके हैं. शिकारी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. आज तक किसी भी मामले में वन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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गांव का होना चाहिए विस्थापन
एनटीसीए की गाइड लाइन के मुताबिक सरिस्का से सभी गांवों का विस्थापन हो जाना चाहिए था. लेकिन सरकार और वन विभाग की लापरवाही के चलते अब तक गांवों का विस्थापन नहीं हो रहे हैं. सरिस्का क्षेत्र में कुल 32 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 6 गांव का विस्थापन हो चुका है. 26 गांव अब भी सरिस्का क्षेत्र में बसे हुए. जिनमें बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. इसके चलते लोगों की आवाजाही होती है और आए दिन शिकार के मामले सामने आते हैं.

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डेढ़ साल में हुई थी ज्यादा घटना
साल 2018 से सरिस्का में डेढ़ साल के दौरान तीन बाघों की मौत के मामले सामने आए. इनमें से 2 बाघों का शिकार किया गया. जबकि एक बाघ एसटी 4 आपसी लड़ाई में घायल होने के 27 दिन बाद मर गया. इसके अलावा बाघ एसटी11 की खेत में लगे फंदे में फसने से मौत हुई थी.

पैंथर व शावकों को जहर देने वाले गिरफ्तार
वन विभाग की टीम ने पैंथर व शावकों को जहर देने के मामले में अब तक 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. पैंथर की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी है. प्रथम दृष्टया पैंथर व शावकों की मौत का कारण जहर देना लगता है. सरिस्का व वन विभाग के अधिकारियों ने कहा की पैंथर व शावकों की मौत मामले का सरिस्का से कोई संबंध नहीं है. यह घटना शहर के पास अलवर वन मंडल में हुई है. वन विभाग की टीम घटना की जांच पड़ताल कर रही है.

Last Updated : Jan 22, 2022, 10:12 PM IST
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