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निजी बस संचालकों ने किया प्रदर्शन, उपनगरीय परमिट को समाप्त करने की मांग

अलवर में शुक्रवार को निजी और लोक परिवहन बस संचालकों ने टैक्स की बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. निजी बस संचालकों का कहना है कि हर महीने एक बस का 1700 रुपये टैक्स लगता था. जिसको बढ़ाकर अब 14 हजार 800 रुपये कर दिया. ऐसे में किस तरह टैक्स भरेंगे. इसमें गाड़ी की किस्त भी जमा करानी होती है.

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Published : Jul 19, 2019, 11:52 PM IST

निजी बस संचालकों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

अलवर. राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में टैक्स की बढ़ोतरी और उपनगरीय परमिट को समाप्त करने के विरोध में शुक्रवार को निजी बस संचालकों और लोक परिवहन बस संचालकों ने बैठक आयोजित कर विरोध किया.

बता दें, निजी बस संचालकों का कहना है कि हर महीने एक बस का 1700 रुपये टैक्स लगता था. जिसको बढ़ाकर 14 हजार 800 रुपये कर दिया. ऐसे में किस तरह टैक्स भरेंगे. गाड़ी की किस्त भी जमा करानी होती है, इसलिए कांग्रेस सरकार ने बस संचालकों के साथ नाइंसाफी की है. इससे बढ़िया तो पहले भाजपा की सरकार थी, जो निजी बस संचालकों के साथ इंसाफ तो करती थी. इस तरह का टैक्स तो पूरे भारत में ही कहीं नहीं है. सरकार को जल्दी से टैक्स को कम करना चाहिए.

निजी बस संचालकों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

बस संचालकों ने कहा कि टैक्स बढ़ाने के विरोध में 22 जुलाई को बस संचालकों द्वारा जयपुर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिए. लेकिन, उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया. सरकार के मनमाने रवैए का बस संचालकों में आक्रोश है. ऐसे में बस संचालक अपनी बसों को परिवहन कार्यालय में खड़ा कर देंगे और बसों की आरसी भी जमा करा देंगे.

अलवर. राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में टैक्स की बढ़ोतरी और उपनगरीय परमिट को समाप्त करने के विरोध में शुक्रवार को निजी बस संचालकों और लोक परिवहन बस संचालकों ने बैठक आयोजित कर विरोध किया.

बता दें, निजी बस संचालकों का कहना है कि हर महीने एक बस का 1700 रुपये टैक्स लगता था. जिसको बढ़ाकर 14 हजार 800 रुपये कर दिया. ऐसे में किस तरह टैक्स भरेंगे. गाड़ी की किस्त भी जमा करानी होती है, इसलिए कांग्रेस सरकार ने बस संचालकों के साथ नाइंसाफी की है. इससे बढ़िया तो पहले भाजपा की सरकार थी, जो निजी बस संचालकों के साथ इंसाफ तो करती थी. इस तरह का टैक्स तो पूरे भारत में ही कहीं नहीं है. सरकार को जल्दी से टैक्स को कम करना चाहिए.

निजी बस संचालकों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

बस संचालकों ने कहा कि टैक्स बढ़ाने के विरोध में 22 जुलाई को बस संचालकों द्वारा जयपुर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिए. लेकिन, उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया. सरकार के मनमाने रवैए का बस संचालकों में आक्रोश है. ऐसे में बस संचालक अपनी बसों को परिवहन कार्यालय में खड़ा कर देंगे और बसों की आरसी भी जमा करा देंगे.

Intro:अलवर में राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में टैक्स की बढ़ोतरी और उपनगरीय परमिट को समाप्त करने के विरोध में शुक्रवार को प्राइवेट बस स्टैंड सब्जी मंडी के पास निजी बस संचालकों और लोक परिवहन बस संचालकों ने बैठक आयोजित कर विरोध किया।


Body:आपको बता दें निजी बस संचालकों का कहना है कि हर महीने 1 बस का 1700 रुपये टैक्स लगता था। जिसको बढ़ाकर 14 हजार 800 रुपये कर दिया। ऐसे में किस तरह टैक्स भरेंगे। गाड़ी की किस्त भी जमा करानी होती है। इसलिए कांग्रेस सरकार ने बस संचालकों के साथ नाइंसाफी की है। इससे बढ़िया तो पहले भाजपा की सरकार थी। जो निजी बस संचालकों के साथ इंसाफ तो करती थी। इस तरह का टैक्स तो पूरे भारत में ही कहीं नहीं है।
इसलिए सरकार को जल्दी से टैक्स को कम करना चाहिए। टैक्स बढ़ाने के विरोध में 22 जुलाई को बस संचालको द्वारा जयपुर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिए। लेकिन उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया। सरकार के मनमाने रवैए का बस संचालकों में आक्रोश है। ऐसे में बस संचालक अपनी बसों को परिवहन कार्यालय में खड़ा कर देंगे और बसों की आरसी भी जमा करा देंगे।


Conclusion:बाईट1- मुरारी लाल भारद्वाज निजी बस संचालक अध्यक्ष

बाईट2- संजू यादव महासचिव
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