अलवर. राजस्थान सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में टैक्स की बढ़ोतरी और उपनगरीय परमिट को समाप्त करने के विरोध में शुक्रवार को निजी बस संचालकों और लोक परिवहन बस संचालकों ने बैठक आयोजित कर विरोध किया.
बता दें, निजी बस संचालकों का कहना है कि हर महीने एक बस का 1700 रुपये टैक्स लगता था. जिसको बढ़ाकर 14 हजार 800 रुपये कर दिया. ऐसे में किस तरह टैक्स भरेंगे. गाड़ी की किस्त भी जमा करानी होती है, इसलिए कांग्रेस सरकार ने बस संचालकों के साथ नाइंसाफी की है. इससे बढ़िया तो पहले भाजपा की सरकार थी, जो निजी बस संचालकों के साथ इंसाफ तो करती थी. इस तरह का टैक्स तो पूरे भारत में ही कहीं नहीं है. सरकार को जल्दी से टैक्स को कम करना चाहिए.
बस संचालकों ने कहा कि टैक्स बढ़ाने के विरोध में 22 जुलाई को बस संचालकों द्वारा जयपुर में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिए. लेकिन, उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया. सरकार के मनमाने रवैए का बस संचालकों में आक्रोश है. ऐसे में बस संचालक अपनी बसों को परिवहन कार्यालय में खड़ा कर देंगे और बसों की आरसी भी जमा करा देंगे.