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Poachers Pointed gun on forest worker सरिस्का में वन कर्मी की कनपटी पर तानी बंदूक, पकड़े गए दो शिकारी

सरिस्का शिकार के लिए पूरे देश में बदनाम है. इस अभ्यारण्य में 5 साल के दौरान 70 वन्यजीवों के शिकार के मामला सामने आ चुके हैं. डेढ़ साल से युवा बाघिन एसटी 13 सरिस्का से गायब है.

Poachers point gun at forest worker in Sariska
सरिस्का में शिकारियों ने वन कर्मी पर तानी बंदूक
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Published : Jun 10, 2023, 12:49 PM IST

Updated : Jun 10, 2023, 12:55 PM IST

अलवर. शिकार के लिए बदनाम सरिस्का में शिकारियों का आतंक लगातार जारी है. एक बाघ डेढ़ साल से गायब है तो पहले भी कई बाघों के शिकार हो चुके हैं. उसके बाद भी आए दिन शिकार के मामले सामने आ रहे हैं. सरिस्का की टीम ने दो शिकारियों को पकड़ा है. वन विभाग की टीम से बच कर भागने के लिए शिकारियों ने वहां मौजूद एक वन कर्मी की कनपटी पर बंदूक तान दी. इस दौरान वन कर्मियों की सूझबूझ से शिकारी पकड़े गए. इनके पास से बंदूक, बारूद व शिकार का सामान बरामद हुआ है.

रेंजर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि 7 जून की 9 बजे उदयनाथ एरिया में सरिस्का की टीम गश्त कर रही थी. इस दौरान सरिस्का के अधिकारियों को जंगल में दो शिकारियों के होने की सूचना मिली. गोपाला गांव के गिर्राज मीणा व नेमीचंद मीणा शिकार के लिए संस्कार क्षेत्र में घूम रहे थे. सरिस्का की टीम ने शिकारियों का घेराव किया. शिकारी गिर्राज मीणा ने वन कर्मी कान सिंह की कनपटी पर बंदूक लगा भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद वन कर्मियों की सूझबूझ से दोनों शिकारी पकड़े गए. वनकर्मी दोनों शिकारियों को लेकर सरिस्का पहुंचे, वहां उनसे पूछताछ की गई है. उसके बाद न्यायालय में दोनों को पेश किया गया. न्यायालय ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा. शनिवार को रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद दोनों शिकारियों को न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया. इनके पास से एक बाइक, बंदूक, छर्रे, बारूद, टॉर्च सहित शिकार का सामान मिला है. सरिस्का की टीम ने बताया कि दोनों शिकारी खाने के लिए खरगोश का शिकार करने के लिए जंगल में आए थे.

पढ़ें - Sariska Tiger Reserve : सरिस्का पर मंडराने लगा शिकार का खतरा, जंगल में नजर आए ड्रोन

सर्विलांस पर खर्च हो रहे हैं करोड़ों रुपए - सरिस्का में बीते 5 साल के दौरान 70 वन्यजीवों के शिकार के मामले सामने आए. अजबगढ़ रेंज से डेढ़ साल से बाघिन ST13 लापता है. सरकार ने करोड़ों खर्च करके वर्ष 2018 में 5 अभ्यारण्यों में 58 टावर पर 348 कैमरे लगाए. अब अभ्यारण्य पर फिर से 15.30 करोड़ रुपए की लागत से 22 टावरों पर 129 कैमरे लगाने की तैयारी चल रही है. इसके तहत मुकद्दर टाइगर रिजर्व पर भी काम चल रहा है. निगरानी के साथ ही 2750 से अधिक कैमरे जंगल क्षेत्र में लगाने की आवश्यकता है. सरिस्का में बाघों की संख्या 28 है. इनमें से छह शावक शामिल हैं.

रणथंभौर व सरिस्का से लापता है बाघ - रणथंभौर की बात करें तो रणथंभौर से T 39 के दो शावक लापता हैं. बाघिन T 138, बाघ T 3, बाघिन T 99 के दो शावक, T 79 का शावक, बाघ T 131 पहले से लापता है. अब खंडार रेंज से बाघ T 38 लापता हुआ है. इसके अलावा सरिस्का की अजबगढ़ रेंज से जनवरी 2022 में बाघिन T 13 लापता है. उसके शिकार की आशंका जताई जा रही है.

पढ़ें - बाघों के लिए सुरक्षित नहीं रहा सरिस्का, फिर भी बाघों का कुनबा बढ़ाने के जारी है प्रयास

अलवर. शिकार के लिए बदनाम सरिस्का में शिकारियों का आतंक लगातार जारी है. एक बाघ डेढ़ साल से गायब है तो पहले भी कई बाघों के शिकार हो चुके हैं. उसके बाद भी आए दिन शिकार के मामले सामने आ रहे हैं. सरिस्का की टीम ने दो शिकारियों को पकड़ा है. वन विभाग की टीम से बच कर भागने के लिए शिकारियों ने वहां मौजूद एक वन कर्मी की कनपटी पर बंदूक तान दी. इस दौरान वन कर्मियों की सूझबूझ से शिकारी पकड़े गए. इनके पास से बंदूक, बारूद व शिकार का सामान बरामद हुआ है.

रेंजर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि 7 जून की 9 बजे उदयनाथ एरिया में सरिस्का की टीम गश्त कर रही थी. इस दौरान सरिस्का के अधिकारियों को जंगल में दो शिकारियों के होने की सूचना मिली. गोपाला गांव के गिर्राज मीणा व नेमीचंद मीणा शिकार के लिए संस्कार क्षेत्र में घूम रहे थे. सरिस्का की टीम ने शिकारियों का घेराव किया. शिकारी गिर्राज मीणा ने वन कर्मी कान सिंह की कनपटी पर बंदूक लगा भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद वन कर्मियों की सूझबूझ से दोनों शिकारी पकड़े गए. वनकर्मी दोनों शिकारियों को लेकर सरिस्का पहुंचे, वहां उनसे पूछताछ की गई है. उसके बाद न्यायालय में दोनों को पेश किया गया. न्यायालय ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा. शनिवार को रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद दोनों शिकारियों को न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया. इनके पास से एक बाइक, बंदूक, छर्रे, बारूद, टॉर्च सहित शिकार का सामान मिला है. सरिस्का की टीम ने बताया कि दोनों शिकारी खाने के लिए खरगोश का शिकार करने के लिए जंगल में आए थे.

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सर्विलांस पर खर्च हो रहे हैं करोड़ों रुपए - सरिस्का में बीते 5 साल के दौरान 70 वन्यजीवों के शिकार के मामले सामने आए. अजबगढ़ रेंज से डेढ़ साल से बाघिन ST13 लापता है. सरकार ने करोड़ों खर्च करके वर्ष 2018 में 5 अभ्यारण्यों में 58 टावर पर 348 कैमरे लगाए. अब अभ्यारण्य पर फिर से 15.30 करोड़ रुपए की लागत से 22 टावरों पर 129 कैमरे लगाने की तैयारी चल रही है. इसके तहत मुकद्दर टाइगर रिजर्व पर भी काम चल रहा है. निगरानी के साथ ही 2750 से अधिक कैमरे जंगल क्षेत्र में लगाने की आवश्यकता है. सरिस्का में बाघों की संख्या 28 है. इनमें से छह शावक शामिल हैं.

रणथंभौर व सरिस्का से लापता है बाघ - रणथंभौर की बात करें तो रणथंभौर से T 39 के दो शावक लापता हैं. बाघिन T 138, बाघ T 3, बाघिन T 99 के दो शावक, T 79 का शावक, बाघ T 131 पहले से लापता है. अब खंडार रेंज से बाघ T 38 लापता हुआ है. इसके अलावा सरिस्का की अजबगढ़ रेंज से जनवरी 2022 में बाघिन T 13 लापता है. उसके शिकार की आशंका जताई जा रही है.

पढ़ें - बाघों के लिए सुरक्षित नहीं रहा सरिस्का, फिर भी बाघों का कुनबा बढ़ाने के जारी है प्रयास

Last Updated : Jun 10, 2023, 12:55 PM IST

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