बहरोड़ (अलवर). गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर पहुंचकर तिरंगे का अपमान करने के मामले में किसान दो फाड़ हो गए हैं. बुधवार को राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर स्थानीय लोगों की ओर से किसान नेताओं के पुतले फूंककर विरोध जताया गया. कहा कि जिस तरह से किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में तिरंगे का अपमान किया है उसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं कर पाएगी.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया था. लाल किले पर पहुंचे किसानों ने बसों में तोड़फोड़ के साथ ही लाल किले पर पहुंचकर तिरंगे का भी अपमान कर डाला. जिसे लेकर पूरे देश में किसानों के खिलाफ विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं. इस मामले को लेकर राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर स्थानीय लोगों ने किसान नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कहा कि जिस तरह से किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में तिरंगे का अपमान किया है, उसे हिंदुस्तान सहन नहीं कर पाएगा. किसान नेताओं के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी करने के साथ पुतला भी फूंका.
यह भी पढ़ें: पहले संगठन विस्तार में देरी, अब राजनीतिक नियुक्तियों के दावे माकन के लिए 'टेढ़ी खीर'
राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों से स्थानीय लोगों ने कहा कि बहुत धरना-प्रदर्शन हो चुका है. अब हम और ज्यादा सहन नही कर पाएंगे. इसलिए जल्द से जल्द यहां से धरना समाप्त करें वरना अंजाम बुरा होगा. इसके बाद स्थानीय लोग धरना दे रहे किसानों के पास आकर विरोध जताने लगे. इस दौरान एक बार मामला गरमा भी गया लेकिन प्रशासनिक अफसरों और पुलिस ने स्थिति संभाल ली.