अलवर/किशनगढ़बास. क्षेत्र में पाकिस्तान से खैरथल आकर बसे पाक नागरिक भारत की नागरिकता मिलने की बाट जो रहे थे. सालों से यह लोग दफ्तर -दफ्तर हिंदुस्तानी नागरिकता का प्रमाण पत्र पाने के लिए चक्कर काट रहे थे. जानकारी के अनुसार करीब 19 साल पहले पाकिस्तान से आकर खैरथल कस्बे में रह रहे पाक नागरिक पोपटमल और उनकी पत्नी जयवंती ने बताया कि वर्ष 2001 में पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आये थे.
2009 से लगातार भारतीय नागरिकता का आवेदन करने पर भी उनको भारतीय नागरिकता नहीं मिली है अब तक. पाक नागरिक पोपटमल और उनकी पत्नी जयवंती ने कहा कि वर्ष 2001 में पुष्करणा ब्राह्मण समाज के 25 पाक नागरिक पाकिस्तान से आकर खैरथल कस्बे में रह रहे हैं. आज भी यह परिवार भारतीय नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं. जबकि वर्ष 2016 से भारत सरकार के द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक में पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक हिन्दू को नागरिकता पर मुहर लगाई गई थी. जिसमें राजस्थान के 4 जिलो (जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, बाड़मेर) के कलेक्टर को नागरिकता का अधिकार सौंपा गया और बाकि जिलों में कागजी कार्रवाई करने के बाद गृह सचिव को नागरिकता पत्र सौंपा गया था.
अलवर जिले में रह रहे परिवारों ने भी नागरिकता का आवेदन किया ओर दिसंबर 2017 में खैरथल में रह रहे दो पाक नागरिक पोपटमल और उनकी पत्नी जयवंती का पुलिस वेरिफिकेशन करा जिला कलेक्टर राजन विशाल के द्वारा भारतीय नागरिकता की सपथ दिलाई गई थीं. लेकिन अभी तक उनको भारतीय नागरिक होने का प्रमाण पत्र नहीं मिला है, जबकि राजस्थान के अन्य जिलों में कार्य हो रहे हैं लेकिन प्रशासन की लचर कार्यशैली के चलते अलवर में अभी इस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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खैरथल में रह रहे पाक नागरिकों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए मांग कि है उन्हें अति शीघ्र भारतीय नागरिक होने का प्रमाण पत्र दिया जाए. ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. उनके पास अभी भी राशनकार्ड, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड नहीं हैं. यहां तक कि उनके बच्चों की शादी ब्याह और पढ़ाई लिखाई में भी अड़चनें पैदा होती है. उनके पास अपना घर भी नहीं है जिससे ये लोग अपना आशियाना बना कर सुखी जीवन व्यातीत कर सके. वहीं राज्य सभा मे नागरिकता संसोधन बिल पास होने के बाद इन परिवार में खुशी का माहौल है. भारतीय नागरिकता की आस लगाए बैठे इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को शुक्रिया भी अदा किया.