अलवर. जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह खानापूर्ति बन गया था. ऐसे में सड़क सुरक्षा सप्ताह का नाम बदलकर सड़क सुरक्षा ही जीवन रक्षा कर दिया गया है. यह कार्यक्रम अब एक माह तक चलेगा. अलवर में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. ऐसे में देखना होगा इस बदलाव का अलवर में होने वाले सड़क हादसों पर क्या प्रभाव पड़ता है. हालांकि, कोरोना काल में लोग घरों में बंद रहे, ऐसे में सड़क हादसों में कमी आई है लेकिन अब फिर से सड़क हादसे होने लगे हैं.
अब अलवर सहित पूरे राजस्थान में सड़क सुरक्षा ही जीवन रक्षा कार्यक्रम (National Road Safety month) चलेगा. यह कार्यक्रम एक सप्ताह की जगह एक माह तक चलेगा. इनकी शुरूआत 18 जनवरी से हो गई है, जो 17 फरवरी तक चलेगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यातायात के नियमों की जानकारी देने के साथ ही सुरक्षित चलने के बारे में भी बताया जाएगा. एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पुलिस, परिवहन और अन्य एनजीओ की तरफ से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. यातायात नियमों की पालना करने वाले लोगों को गुलाब का फूल दिया जाएगा. पंपलेट के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी. साथ ही ट्रैफिक पुलिस की तरफ से चालान काट कर लोगों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए जाएंगे.
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बता दें कि राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा सड़क हादसे अलवर (road accidents in Alwar) में होते हैं. सड़क हादसों में हजारों लोगों की जान जाती है. तेजी से बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए पुलिस और परिवहन विभाग ने प्रभावी रूप से सड़क हादसे रोकने के लिए 1 सप्ताह की जगह अब एक माह तक सड़क जागरूकता सप्ताह के रूप में चलाने का फैसला लिया है. इसके तहत पूरे जिले में दर्जनों कार्यक्रम होंगे. साथ ही ऐसी जगहों को चिन्हित किया जाएगा, जहां सड़क हादसे ज्यादा होते हैं. उन जगहों पर हादसे से रोकने के प्रयास किए जाएंगे. लोगों को जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. साथ ही पूरे जिले में योजना बनाकर काम किया जाएगा.